*सांस्कृतिक संध्या में आसामी बीहू, पंजाबी भांगड़ा, कश्मीरी बुमरो व गुजराती डांडिया पर थिरके दर्शक*
*-सुबह 11 बजे से रात्रि 9.30 तक चलने वाला यह मेला सबके लिए निःशुल्क है*

गुरुग्राम, 31 अक्टूबर। सरस आजीविका मेला 2023 में उत्तर प्रदेश के कुल 44 स्टॉल लगाए गए हैं। जिसमें हेंडीक्राफ्ट व हेंडलूम के 40 , जबकि 4 फूड आयटम के प्रोडक्ट हैं। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से आई हुईं जय दुर्गे महिला स्वयं सहायता समूह की संगीता ने बताया कि हमारे स्टॉल नंबर 103 पर हमारे पास बनारसी साड़ी समेत कई प्रोडक्ट हैं जो कि करवाचौथ पर महिलाएं खरीदारी कर रही हैं। बनारसी साड़ी में उत्तम किस्म का सिफॉन का धागा इस्तेमाल किया गया है, साथ ही रेशम का धागा, कतान का धागा के बनारसी साड़ी समेत, सिल्क सूट, बनारसी दुपट्टे, व ड्रेस मेटेरियल है जो कि इस करवाचौथ पर महिलाओं की पहली पसंद है। उन्होंने बताया कि एक साड़ी को बनाने में पंद्रह से बीस दिन लगते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे स्टॉल पर तेरह सौ रुपये से लेकर पैंतीस हजार तक के सामान हैं।

वहीं, उत्तर प्रदेश जिले के ही गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी से आई हुईं तुलसी एसएचजी ग्रुप की खुशी ने बताया कि हमारे स्टॉल नंबर 286 पर हेंडमेड आर्टिफिशियल ज्वेलरी के आइटम हैं, जिसमें कि कॉटन बॉल्स के नेकलेस, रेशम के धागों की चूड़ियां, फेब्रिक की चूड़िया, फेब्रिक की इयर रिंग्स, कानों के झुमके, ब्रेसलेट, नोज पिन, रिंग्स, बच्चों के लिए नजरबट्टू, सीड बीड्स के नेकलेस, क्रिस्टल मोती के चोकर व नेकलेस, टॉप्स, आदि के सामान महिलाओं की पसंद बनी हुई हैं। यहां पर आप को 30 रुपये से लेकर 550 रुपये तक के सामान मौजूद हैं। वहीं, लखनऊ से आई हुईं तस्कीन एसएचजी ग्रुप की तस्कीन ने बताया कि हमारे स्टॉल नंबर 97 पर साड़ी, सूट, अनारकली, नूरी सूट, दुपट्टे, प्लाजो, पैंट प्लाजो, सॉर्ट कुर्ती, लॉंग कुर्ती, आदि आइटम उपलब्ध हैं जो कि बारह सौ से लेकर अस्सी हजार तक के सामान अपने स्टॉल पर रखी हुई हैं।

साथ ही सरस मेले में नियमित रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है। सांस्कृतिक संध्या में आसामी बीहू, पंजाबी भांगड़ा, कश्मीरी बुमरो व गुजराती डांडिया पर दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। सांस्कृतिक संध्या में नियमित रूप से पांच बजे से हरेक राज्यों के लोक नृत्य व संगीत की प्रस्तुति की जाती है। सांस्कृति कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए रुचि ने बताया कि शाम को जब मेला घूमने के बाद लोग थक जाते हैं तो फूड कोर्ट में खाने के बाद सांस्कृतिक संध्या का आनंद लेने अपने परिवार के साथ आते हैं।

ज्ञात हो कि राजधानी से सटे गुरुग्राम में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) व हरियाणा सरकार के सहयोग से आयोजित सरस आजीविका मेला का आयोजन किया जा रहा है। 26 अक्टूबर से 11 नवंबर तक आयोजित होने वाला मेला भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शा रहा है। पहले दिन ही इस मेले का आकर्षण लोगों को अपनी तरफ खींच लाया। यहां हर आयु वर्ग के लोग मेला देखने व खरीदारी करने में आ रहे हैं।

गुरुग्राम के सेक्टर-29 स्थित लेजरवैली ग्राउंड में लगे इस मेले में देश के 28 राज्यों के 400 से अधिक स्टॉलों पर लोग खरीदारी के लिए आ रहे हैं। मेले की विविधता लोगों को आकर्षित कर रही है। स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं की विशेष उपस्थिति वाला यह मेला महिला सशक्तिकरण की एक बेहतरीन मिसाल है जहां न केवल वह अपना उत्पाद लेकर आई हैं बल्कि वह भारत की विविधता और अनेकता में एकता का संदेश भी दे रही हैं। आयोजकों के लिए यह मेला निःशुल्क है। सुबह 11 बजे से रात्रि 9.30 तक चलने वाले इस मेले में लोगों की खासी दिलचस्पी है। दूसरी बार यह मेला गुरुग्राम में लग रहा है और लोग इसको लेकर उत्साहित हैं।

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