सुप्रीम कोर्ट के बाद एन.एच.आर.सी भी मान चुका है किसान जिम्मेदार नहीं प्रदूषण से निपटने को कार्ययोजना तैयार करे सरकार चंडीगढ़, 27 अक्तूबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार प्रदूषण के लिए अलग-अलग वर्गों को निशाने पर लेकर कोसना बंद करे। सुप्रीम कोर्ट व एन.एच.आर.सी भी मान चुके है कि इसके लिए किसान जिम्मेदार नहीं हैं। केंद्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि वह हर साल प्रदूषण की मार झेलने वाले लोगों को इससे मुक्ति दिलाएं और प्रदूषण से निपटने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना तैयार करें। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हर साल अक्टूबर-नवंबर महीने में हरियाणा व दिल्ली के लोगों पर प्रदूषण का प्रकोप रहता है। हालात इतने अधिक खराब हो जाते हैं कि सांस लेना तक दुर्भर होने लगता है। पहले से बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिए प्रदूषण जानलेवा बन जाता है। इसके बावजूद हर साल बयानबाजी के अलावा भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार, दिल्ली की आप सरकार और हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर इन सरकारों को लोगों की जान की परवाह है तो फिर ऐसी योजना पर काम करना चाहिए, जिससे हर साल बनने वाली विकट स्थिति से निजात मिल सके। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की बजाए जनता के हित की सोचें। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की वजह कोई एक घटक नहीं है, लेकिन सॉफ्ट टारगेट होने की वजह से बार-बार किसानों को प्रदूषण के लिए सीधे जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। हर बार किसानों के खिलाफ जुर्माने लगाने से लेकर मामले दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने जैसी घटनाएं सामने आती हैं। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले साल ही किसानों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराने पर आपत्ति जताई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदूषण के लिए किसानों के अलावा लोगों के निजी वाहनों, ईंट-भट्टो व छोटे उद्योगों को भी समय-समय पर जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है जबकि, निजी वाहनों को लोग सरकारी वाहनों से भी अधिक मेंटेन रखते हैं, जिससे प्रदूषण में इनकी भागीदारी नाममात्र ही रह जाती है। ईट-भट्ठे व उद्योगों के बंद होने से बेरोजगारी की समस्या खड़ी होने लगती है। कुमारी सैलजा ने कहा कि हर साल की दिक्कत को देखते हुए केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जो ईट-भट्टों व छोटे उद्योगों को बंद किए बिना प्रदूषण से निजात दिला सके। इसके लिए किसी नई तकनीक पर भी विचार किया जा सकता है। लेकिन, बार-बार प्रदूषण के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराने से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिए कि उसने प्रदूषण को रोकने के लिए अब तक क्या क्या कदम उठाए है। Post navigation हरियाणा का एक-एक व्यक्ति जानता है, महत्वपूर्ण मुद्दों पर फेल हुई है खट्टर सरकार : अनुराग ढांडा भाजपा सरकार ने 9 सालों में बदली हरियाणा की तस्वीर: ओम प्रकाश धनखड़