पहले भी दोनों युवाओं ने दो बार सीएम खट्टर से मिलने का प्रयास किया, लेकिन नहीं मिलवाया गया : अनुराग ढांडा
जब सत्ता में अहंकार आ जाए तो युवा अपनी आवाज न उठाए तो क्या करे? : अनुराग ढांडा
पुलिस ने सीएम कार्यालय के दबाव में धारा 332 जोड़ी, ताकि इनका भविष्य खराब हो सके : अनुराग ढांडा
अपनी पीठ थपथपाते फिर रहे सीएम खट्टर : अनुराग ढांडा
हरियाणा में भाजपा की फेल हो गई सरकार, हरियाणा के 9 साल कर दिए बेकार : अनुराग ढांडा
परिवहन मंत्री ने तीन साल पहले छात्राओं के लिए 600 बसें चलाने की घोषण की, लेकिन चली एक भी नहीं : दीपक धनखड़
भाजपा अब तक 105 सरकारी स्कूलों को बंद कर चुकी : नवीन सांपला

रोहतक, 26 अक्टूबर – आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने वीरवार को प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए खुशी का मौका है, प्रदेश की जतना देख रही है कि तानाशाह सरकार किस तरीके से छात्रों के हकों की आवाज उठाने वाले दो युवाओं को दबाने का प्रयास कर रही है। कोर्ट से कानून के मुताबिक दोनों युवा सीवाईएसएस के पूर्व अध्यक्ष दीपक और रोहतक जिला उपाध्यक्ष नवीन सांपाल जमानत पर रिहा होकर आए हैं। आम आदमी पार्टी इनका सम्मान कर रही है क्योंकि इन्होंने वो हिम्मत दिखाई जो हिम्मत आजादी से पहले शहीद भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों ने दिखाई थी। उन्होंने कहा कि जब सत्ता में अहंकार आ जाए तो युवा क्या करे, हरियाणा में 25 लाख युवा बेरोजगार हैं। इसलिए किसी ने किसी माध्यम से आवाज उठानी पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि कल से पूरे हरियाणा में वीडियो वायरल है, लोग कह रहे हैं ये तस्वीर हमें शहीद भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि पहले भी सीएम खट्टर दो बार रोहतक में आए तो दोनों युवाओं ने छात्रों की समस्या को लेकर सीएम से मिलने और ज्ञापन देने का प्रयास किया, लेकिन नहीं मिलवाया गया और तीसरी बार कल भी शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देने का प्रयास किया। लेकिन सीएम खट्टर अहंकार से भरे हुए हैं, इनका ज्ञापन लेने और इनकी मांगे सुनने से इनकार कर दिया। इसलिए इन्होंने अपने लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराया।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने युवाओं को जायज मांगों के लिए गिरफ्तार किया, जबकि प्रदर्शन करने वालों को शाम को छोड़ दिया जाता है, लेकिन इनको नहीं छोड़ा। पुलिस ने किसी को चोट पहुंचाने की धारा 332 जोड़ दी, जबकि पूरा वाक्य की वीडियो वायरल है। मुख्यमंत्री कार्यालय से सीधा दबाव बनाया जा रहा था कि इनका होसला तोड़ो और इनके खिलाफ ऐसी धाराएं लगाओ जिससे इनका भविष्य खराब हो जाए। लेकिन दोनों युवाओं का होसला नहीं टूटा। उन्होंने बताया कोर्ट ने भी कहा कि जो पुलिस का काम करने का प्रोसेस, बिना नोटिस के गिरफ्तार करना सही नहीं था। जिसके चलते दोनों युवाओं को जमानत मिल गई।

उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर ने अपनी पीठ थपथपाई की 9 साल में क्या-क्या कर दिया। लेकिन ये तस्वीर स्पष्ट करती है कि न कॉलेजों में टीचर हैं, न छात्राओं के लिए बसें हैं, न अच्छे स्कूल और कॉलेजों का निर्माण कर पाए और युवाओं के लिए रोजगार नहीं है। खट्टर सरकार इन मुद्दों पर फेल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा ढांचे को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि हरियाणा में भाजपा की फेल हो गई है सरकार, हरियाणा के 9 साल इन्होंने कर दिए बेकार।

दीपक धनखड़ ने बताया कि हमने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज को उठाया। हम पिछले पांच साल से मांग कर रहे थे कि छात्राओं के लिए बस चलाई जाएं। परिवहन मंत्री ने तीन साल पहले रक्षा बंधन पर घोषण की थी कि 600 बसें जल्द ही चल पड़ेंगी। लेकिन सरकार ने पूरे हरियाणा के किसी भी जिले में एक भी बस नहीं चलवाई। जिसको लेकर हमने पहले भी कई बार सीएम खट्टर से मिलने का प्रयास किया लेकिन हमें हिरासत में ले लिया गया। एमडीयू में भी हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात को रखने जा रहे थे, इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों से भी सीएम से मिलाने के लिए कहा था। जब सरकार हमारी बाते नहीं सुन रही थी तो हमने शांकेतिक तौर पर सरकार को जगाने का काम किया है।

नवीन सांपला ने कहा कि बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार आम आदमी पार्टी की मूल विचारधारा है। भाजपा अब तक 105 सरकारी स्कूलों को बंद कर चुकी है। उन्होंने कहा कि हमने शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री खट्टर से 6 सवाल पूछने का प्रयास किया था, जिनमें हरियाणा को बेरोजगारी में नंबर वन बनाने का जिम्मेवार कौन? प्रदेश भर में छात्राओं के लिए घोषणा की गई 600 स्पेशल बसें कब चलाई जाएंगी? प्रदेश भर के स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों में सालों से खाली पड़े रिक्त पदों को कब भरा जाएगा? हरियाणा प्रदेश में प्रत्यक्ष रूप से छात्र संघ चुनाव कब करवाए जाएंगे? प्रदेश भर में 105 सरकारी स्कूल बंद करके प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पैसे देकर शिक्षण संस्थाओं का निजीकरण क्यों? विश्वविद्यालयों को दी जाने वाली ग्रांट हर साल कम करके विद्यार्थियों की दाखिले से लेकर परीक्षा फार्मों तक की फीस दो गुणा करने की पीछे क्या मंशा है? सवाल शामिल थे।

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