संस्कृति के महाकुम्भ रत्नावली के लिए कुवि तैयारः प्रो. सोमनाथ सचदेवा

रत्नावली समारोह की विवरणिका का कुलपति ने किया विमोचन।
14 कमेटियों के 14 कंवीनर व 75 सदस्य देखेंगे व्यवस्था।
6 मंचों पर 34 विधाओं में 3 हजार से अधिक कलाकार देंगे प्रस्तुति।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 25 अक्टूबर, संजीव कुमारी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने बुधवार को विश्वविद्यालय के कमेटी रूम में हरियाणवी संस्कृति के महाकुम्भ रत्नावली की विवरणिका का विमोचन किया और अधिकारियों को राज्य स्तरीय सांस्कृतिक उत्सव के भव्य आयोजन करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। 28 से 31 अक्टूबर 2023 तक आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 14 कमेटियों का गठन कर 14 कंवीनर व 75 सदस्यों को नियुक्त किया है। चार दिनों तक 6 मंचों पर 3हजार से अधिक युवा कलाकार हरियाणवी संस्कृति से ओतप्रोत 34 विधाओं में अपनी प्रस्तुति देंगे।

कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह की विवरणिका का विमोचन करते हुए कहा कि हरियाणवी संस्कृति को पहचान दिलाने में रत्नावली समारोह का विशेष योगदान है। विश्वभर में हरियाणवी संस्कृति की अमिट छाप छोड़ने में रत्नावली समारोह ने अहम भूमिका अदा की है। यह समारोह ऐसी कार्यशाला है जो लुप्त होती हरियाणवी संस्कृति की विधाओं को पुनः जीवित कर रहा है और इस समारोह का उद्देश्य भी यही है कि हरियाणवी संस्कृति व परम्परा को जीवित रखा जाए। उन्होंने कहा कि चार दिनों तक 34 विधाओं में युवा कलाकार 6 मंचों पर अपनी प्रस्तुति देंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्य स्तरीय समारोह के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और इस बार का उत्सव बहुत भव्य होगा क्योंकि समारोह में जहां हरियाणवी संस्कृति दिखाई देगी वहीं आत्मनिर्भर भारत के दर्शन होंगे और विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राएं स्वयं निर्मित की गई वस्तुओं को प्रदर्शित करेंगे।

कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि रत्नावली समारोह हरियाणा की लोक संस्कृति का ऐसा समागम है जिसमें विशुद्ध रूप से हरियाणवी संस्कृति को केंद्रित कर हरियाणा की लोक परम्पराओं से जुड़ी विधाओं को मंच दिया गया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को रत्नावली राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समारोह के भव्य आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी तथा रत्नावली समारोह में पर्यावरण संरक्षण के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का भी आह्वान किया। उन्होंने बताया कि राज्यस्तरीय समारोह को सफल बनाने में केयू एनएसएस व एनसीसी के स्वयंसेवक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इस बैठक में प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. डीएस राणा, प्रो. रामविरंजन, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, मुख्य सुरक्षा अधिकारी प्रो. अनिल गुप्ता, प्रो. रीटा दलाल, प्रो. विवेक चावला, प्रो. अश्वनी कुश, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, वित्त अधिकारी डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, कुटा प्रधान डॉ. आनन्द कुमार, उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह, लोक सम्पर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. सोमबीर जाखड़, डॉ. देवेन्द्र कुमार, डॉ. आरती श्योकंद, सहायक कुलसचिव डॉ. जितेन्द्र जांगड़ा, एक्सईएन राजपाल, श्रवण गुप्ता, सज्जन दहिया सहित विभिन्न कमेटियों के सदस्य मौजूद रहे।

Previous post

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को जापान में रोजगार की पेशकश

Next post

आप राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप पाठक ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर बैठक की

You May Have Missed