पुरातात्विक स्थल के उत्खनन की अनुमति मिलने के बाद ग्लोबल सिटी के रूप में विकसित होगा अग्रोहा : डॉ कमल गुप्ता

हिसार, 16 अक्टूबर। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने कहा है कि महाराजा अग्रसेन की राजधानी अग्रोहा के पुरातात्विक स्थल के उत्खनन की अनुमति मिलने के बाद अग्रोहा के ग्लोबल सिटी के रूप में विकसित होने की अवधारणा को मूर्त रूप मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसमें महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

वे सोमवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अग्रसेन ग्लोबल सिटी कनेक्टिविटी के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण लोकेशन है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन सकती है। यहां आभ्या महालक्ष्मी का 108 फीट ऊंचे मंदिर का डिजाईन अयोध्या राम जन्म भूमि मंदिर का डिजाईन बनाने वाले आर्किटेक्ट द्वारा तैयार किया गया है।  जिस पर 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पुरातत्व तथा धार्मिक महत्व और हड़ प्पा संस्कृति से जुड़े इसके जुड़ाव के चलते यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इंडस सरस्वती साईट्स के अलावा राखीगढ़ी, बनावाली, बिरडाना, कुनाल, हिसार के साथ-साथ अग्रोहा भी पर्यटन के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े सर्किट में से एक होगा। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार राखीगढ़ी की तर्ज पर यहां एक बड़ा म्यूजियम विकसित करने की योजना बना रही है। अग्रोहा पुरातत्व स्थल की खुदाई का कार्य भारतीय सर्वेक्षण की उत्खनन शाखा (एएसआई) व हरियाणा राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से करेगा। खुदाई शुरू करने से पहले हरियाणा राज्य पुरातत्व विभाग जीपीआर) सर्वेक्षण के लिए वित्तिय मद्ïद देगा।

विदित रहे कि अग्रोहा टीले की खुदाई के सम्बंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सांस्कृतिक केंद्रीय मंत्री कृष्ण रेड्डी को अगस्त माह में पत्र लिख कर अपनी ओर से टीले के उत्खनन की इच्छा प्रकट की थी, जिसे केंद्र सरकार ने महाराजा अग्रसेन की जयंती के अवसर पर इसकी स्वीकृति दे दी है। निकाय मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हमने व अग्रवाल समाज के अनेको संगठनों ने मुख्यमंत्री से मिलकर इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए अग्रोहा टीले की खुदाई करवाए जाने का प्रस्ताव रखा था। मुख्यमंत्री ने सहर्ष प्रस्ताव को स्वीकार कर अपनी सहमति जाहिर कर दी थी व इस पर अमलीजामा पहनाते हुए केंद्रीय मंत्री से संपर्क साध कर आखिरकार केंद्र की स्वीकृति प्राप्त कर ही ली।

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने पत्रकारो से चर्चा के दौरान कहा कि इतिहासकारों की मान्यता के अनुसार आज से लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व समाजवाद के प्रवर्तक वीर प्रतापी महाराजा अग्रसेन की परम वैभवशाली राजधानी रही है। जो कालांतर में प्राकृतिक कारणों से टीले के रूप में परिवर्तित हो गई। उन्होंने कहा है कि इस ऐतिहासिक टीले के गर्भ में भारत के गौरवशाली इतिहास के रहस्य छिपे हैं। उन्होंने कहा कि 1888-89 मे ब्रिटिश काल मे टीले की खुदाई का काम शुरू किया गया था। इसकी खुदाई का कार्य दोबारा 1978-79 में शुरू किया गया। खुदाई में मिली वस्तुएं ईशा से इससे 4 शताब्दी पूर्व की है, जो बहुत ही ऐतिहासिक महत्व की है।

उन्होंने कहा कि अग्रोहा तेजी से विकसित हो रहा सांस्कृतिक व आस्था का केंद्र बन चुका है। हजारों की संख्या में देश -विदेश के श्रद्धालु  अपनी मातृभूमि के  दर्शनार्थ यहां पहुंचते हैं। निकाय मंत्री ने कहा कि अब यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत विश्व स्तर के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा। डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि जिस तरह राखी गढ़ी की सात हजार वर्ष पुरानी गौरवशाली संस्कृति के ऐतिहासिक तथ्य सामने आ रहे हैं, उसी तरह अग्रोहा के टीले की खुदाई से भी हमें अपने वैभवशाली इतिहास की जानकारी प्राप्त होगी।

इस अवसर पर राम चन्द्र गुप्ता, धर्मवीर रतेरिया, प्रवीण जैन, प्रवीण बांसल, अशोक सैनी, राज कुमार इंदौरा, सुरेन्द्र सिंह सैनी, सुनील वर्मा, सतीश सुर्लिया, सुशील बुडाकिया, लोकेश असीजा गगन शर्मा, सुरेश गोयल धूप वाला आदि उपस्थित रहे।

Previous post

“आप” राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ. संदीप पाठक ने लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर कार्यकर्ता सम्मेलन की अध्यक्षता की

Next post

भोजन स्वीकारने से पहले ईश्वर का शुक्रिया करना जरूरी – आशा दीदी

You May Have Missed

error: Content is protected !!