हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने स्वर्गीय डॉ नानकचंद द्वारा रचित उत्तर राम कथा पर आधारित ’’निर्झरी’’ काव्य कृति का किया लोकार्पण ऐसी कृतियों का प्रकाशन न केवल हमारी साहित्यिक धरोहर को संरक्षण प्रदान करता है बल्कि हमारी संस्कृति के प्रचार प्रसार में सरकार के प्रयासों का रेखांकित भी करता है मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं कवि हृदय है और अकादमियों के कार्यों में बेहद रूचि रखते है-डॉ अमित अग्रवाल युवा पीढ़ी को हिन्दी भाषा से जोड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए चण्डीगढ़, 16 अक्टूबर-हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने आज अकादमी भवन सेक्टर-14 पंचकूला में हिंदी एवं हरियाणवी के सुप्रसिद्ध विद्वान एवं कवि स्वर्गीय डॉ नानकचंद द्वारा रचित उत्तर राम कथा पर आधारित ’’निर्झरी’’ काव्य कृति का लोकार्पण किया। अकादमी भवन पहुंचने पर हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रो. कुलदीप अग्निहोत्री ने पुष्पगुच्छ देकर डॉ अमित अग्रवाल का स्वागत किया। इस अवसर पर उपस्थित लेखकों और साहित्यकारों को संबोधित करते हुए डॉ अमित अग्रवाल ने कहा कि वे इस काव्य कृति के लोकार्पण पर स्वर्गीय डॉ नानकचंद शर्मा को नमन करते है। हरियाण साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा प्रकाशित ‘निर्झरी’ श्री रामकथा पर आधारित काव्य कृति है। श्री राम का पावन चरित साहित्यकारों और विशेषकर कवि हृदयों के लिए हमेशा ही प्रेरणा का स्त्रोत रहा और उनकी प्रेरणा से साहित्य में समय समय पर नवीन कृतियों का सृजन होता रहता हैं। ’’निर्झरी’’ भी इसी परंपरा की एक कृति है। काव्य कृति के प्रथम सर्ग वसन्तोत्सव में डॉ नानकचंद शर्मा ने राम राज्य का बड़ा ही मनोहरी वर्णन किया है उन्होनें कहा कि डॉ नानकचंद शर्मा ने हरियाणा के तात्कालिन भाषा विभाग के अंतर्गत सहायक निदेशक के पद पर रहते हुए जन साहित्य और सप्तसिंधु जैसी चर्चित साहित्य पत्रिकाओं का संपादन दायित्व भी सफलतापूर्वक निभाया। ‘निर्झरी’ काव्य कृति की प्रशंसा करते हुए डॉ अमित अग्रवाल ने कहा कि ‘निर्झरी’ में काव्यगत विशेषताओं के साथ साथ हमारी उन्नत सभ्यता, समृद्ध संस्कृति एवं रितिरिवाजों को सफलतापूर्वक रेखांकित किया गया है। काव्य कृति के प्रथम सर्ग वसन्तोत्सव में डॉ नानकचंद शर्मा ने राम राज्य का बड़ा ही मनोहरी वर्णन किया है। निर्झरी विशुद्ध साहित्यिक कृति होने के साथ साथ हमारी संस्कृति की सहवाहिका भी है। ऐसी कृतियों का प्रकाशन न केवल हमारी साहित्यिक धरोहर को संरक्षण प्रदान करता है वहीं हमारी संस्कृति के प्रचार प्रसार में सरकार के प्रयासो को रेखांकित भी करता है। पहली बार हरियाणा में इंजीनियरिंग कोर्सिज हिन्दी भाषा में शुरू किए गए डॉ अमित अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं कवि हृदय है और अकादमियों के कार्यों में बेहद रूचि रखते है। उन्होंने हिन्दी के साथ साथ अन्य भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। राज्य में साहित्यिक परिवेश का निर्माण करने तथा विभिन्न भाषाओं एवं उनके साहित्य के समुचित विकास एवं सरंक्षण को बढ़ावा देने तथा साहित्य विकास की नई योजनाएं प्रारंभ करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न भाषा अकादमियों के विलय के उपरांत हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का गठन किया गया। पहली बार हरियाणा में इंजीनियरिंग कोर्सिज हिन्दी भाषा में शुरू किए गए है और अगले चरण में मेडिकल कोर्सिज भी हिन्दी में शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि अब अधिकतम लिखित परीक्षाए भी हिन्दी भाषा में ली जा रही है। हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और देश के स्वतंत्रता संग्राम में लोगों में देश प्रेम की भावना पैदा करने में हिन्दी का अहम योगदान रहा हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार पर बल देते हुए डॉ अमित अग्रवाल ने कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और देश के स्वतंत्रता सग्राम में लोगों में देश प्रेम की भावना पैदा करने में हिन्दी का अहम योगदान रहा। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव ने कहा कि अंग्रेजी भाषा के अधिक प्रचलन के कारण हमारी युवा पीढ़ी हिन्दी भाषा से दूर जाती जा रही है। बच्चों को हिन्दी भाषा से जोड़ने और उन्हें हमारे पुरातन साहित्य के बारे में जागरूक करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए हिन्दी भाषा में गद्ययों और पद्ययों का संकलन प्रकाशित कर स्कूलों और कॉलेजों में उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। उन्होंने साहित्यकारों का आह्वान किया कि वे नए लेखको को आगे बढ़ाने के साथ साथ प्राचीन कविताओं का संकलन करने के भी प्रयास करें ताकि लोगों को हमारे समृद्ध साहित्य के बारे में जानकारी मिल सके। उन्होंने विश्वास दिलाया कि देश के पुरातन साहित्य को विभिन्न भाषाओं में आमजन तक पहुंचाने के लिए अकादमी द्वारा इस प्रकार की और कृतियों का भी प्रकाशन किया जाएगा। इससे पूर्व अकादमी के अतिरिक्त सचिव और सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ कुलदीप सैनी ने अपने स्वागतीय संबोधन में कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि स्वर्गीय डॉ नानकचंद द्वारा रचित ’’निर्झरी’’ काव्य कृति का लोकार्पण मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल द्वारा नवरात्र के पावन अवसर पर किया गया है। उन्होंने कहा कि रामायण, रामचरितमानस व भगवतगीता ऐसे धार्मिक ग्रन्थ है जिन पर लिखना अपने आप में एक चुनौति है। परंतु स्वर्गीय डॉ नानकचंद शर्मा ने भगवान श्री राम पर कृति का सृजन कर एक सराहनीय कार्य किया है। इस अवसर पर स्वर्गीय डॉ नानकचंद शर्मा के सुपुत्र श्री शिव कुमार शर्मा, लेखक और साहित्यकार भी उपस्थित थे। Post navigation हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने पांच वार्डों के लिए उपचुनाव कराने की घोषणा कर दी ……. हरियाणा में जल्द शुरू होगी 5 जी सेवा – संजीव कौशल