सरकारी अस्पतालों में न डॉक्टर है, न नर्स, न पेरामेडिकल स्टाफ और न ही दवाइयां
:-रेफर सेंटर बनकर रह गए है प्रदेश के नागरिक और सामुदायिक अस्पताल
:- भाजपा सरकार की याददाश्त कमजोर,
सिरसा मेडिकल कॉलेज का एक साल पहले राष्ट्रपति से शिलान्यास करवाकर भूली सरकार

चंडीगढ़, 16 अक्तूबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य एवं हरियाणा कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा कर रही है जबकि स्वास्थ्य विभाग को खुद उपचार की जरूरत है। सरकारी अस्पतालों में न डॉक्टर है, न नर्स, न पेरामेडिकल स्टाफ और न ही दवाइयां। प्रदेश के नागरिक अस्पतालों की स्थिति बद से बत्तर होती जा रही है, आपातकालीन वार्ड में एक बेड पर दो – दो मरीजों का उपचार हो रहा है। नागरिक अस्पतालों पर प्रदेश की जनता के जीवन  की जिम्मेदारी होती है एवं इसकी देख -रेख का जिम्मा प्रदेश सरकार का होता है, परन्तु हरियाणा सरकार अपनी जिम्मेदारियों से कब का मुंह मोड़ चुकी है। प्रदेश के नागरिक और सामुदायिक अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गए है और मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना  जिसका ढिंढोरा सरकार पीट रही है वह कागजों में ही सिमटकर रह गई है।

स्वास्थ्य को लेकर सीएम ने घोषणाएं तो बहुत की पर कभी यह जानने की कोशिश नहीं की कि धरातल पर वह किस प्रकार औंधे मुंह पड़ी हुई है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं काफी लचर है, सरकार गरीबों के दुख दर्द को समझ नहीं रही है या जानबूझकर अनदेखी कर रही है। सरकार जिस  मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना की बात करती है कभी जानने का प्रयास किया है कि लोगों को वह सुविधा मिल भी रही है या नहीं। सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत सात प्रकार की सेवाएं-सर्जरी, प्रयोगशाला, निदान (एक्सरे,ईसीजी और अल्ट्रासाउंड), ओपीडी-इंडोर सेवाएं आवश्यक दवाएं, रेफरल परिवहन, दंत चिकित्सा निशुल्क उपलब्ध करवा रही है। सरकार को पता होना चाहिए कि नागरिक अस्पतालों में  एक्सरे और अल्ट्रासाउंड खराब पड़ी है अगर ठीक है तो करने वाले तकनीशियन या रेडियोलाजिस्ट नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की ओर दौड़ना होता है।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत जब मरीज उपचार करवाने किसी  प्राइवेट अस्पताल में जाता है तो उसे भर्ती तो कर लिया जाता है, ऑपरेशन आदि करने के बाद मरीज को कहा जाता है कि आयुष्मान कार्ड मैच नहीं हो रहा है ऐसे में उन्हें कैश में भुगतान करना होगा। मरीज अपना घर गिरवी रखकर या कर्ज लेकर डॉक्टरों को देता है। प्राइवेट डॉक्टरों का कहते है कि सरकार आयुष्मान कार्ड योजना के तहत  जल्द भुगतान नहीं करती, देर से भुगतान होता है और ऊपर से कमीशन और देना होता है यानी सरकार की अपनी ही योजनाएं अपनी लापरवाही से दम तोड़ती जा रही है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री की छवि राजनैतिक व सामाजिक दृष्टि से घोषणा मंत्री की बन चुकी है क्योंकि घोषणाएं करना और उन्हें पूरा न करने के अनगिनत प्रमाण हरियाणा की जनता देख रही है। सिरसा के मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास और अभी तक कॉलेज के निर्माण कार्य की शुरुआत न होना घोषणा मंत्री होने का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार सिरसा मेडिकल कालेज का एक वर्ष पूर्व राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु से शिलान्यास करवाकर भूल चुकी है और एक बार फिर मुख्यमंत्री द्वारा 16 अक्टूबर को एक और मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया गया जिसका हाल भी सिरसा के मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास की तरह होने वाला है।दरअसल गठबंधन सरकार जुमलों वाली सरकार, झूठी घोषणाएं करने वाली सरकार बनकर रह गई है।

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