उच्च स्तरीय जांच करवा, दोषियों से की जाएग वसूली।
केडीबी ने 5 वर्ष में 35 करोड रुपए खर्च दिखाया ब्रह्मसरोवर के मेंटेनेंस पर।
टूटे पत्थर, ब्रह्मसरोवर की दुर्दशा और गंदगी की भरमार दिखा रही है केडीबी को आईना।
सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच ना करवाई गई तो राज्यपाल से मिलेगा शिष्टमंडल।
कांग्रेस की सरकार आने पर भ्रष्टाचारी होंगें जेल की सलाखों के पीछे : अरोड़ा।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 9 अक्तूबर : पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने मांग की है कि ब्रह्मसरोवर के मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए का घपला करने वाले कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारियों व अन्य लोगों के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच करवाकर उन्हें सजा दी जाए और उनसे इस पैसे की रिकवरी की जाए। ब्रह्मसरोवर के किनारे स्थित एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अशोक अरोड़ा ने कहा कि यह लोग धर्म के नाम पर पैसा हड़प गए हैं, इन्हें आत्म गिलानी भी नहीं आती जबकि यह अपने आप को हिंदू धर्म का ठेकेदार बताते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट तथा दस्तावेजों के आधार पर पता लगा कि पिछले 5 वर्ष में ब्रह्मसरोवर की मेंटेनेंस के नाम पर लगभग 35 करोड रुपए खर्च किए गए जबकि सरोवर के चारों ओर पत्थर टूटे पड़े हैं। इससे प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, शौचालयों की स्थिति बद से बदतर है। लाइट व्यवस्था ठप्प है, सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं और सरोवर में गंदगी की भरमार है। यह पैसा कहां गया, किसने हड़प लिया, इसकी जांच करवाई जानी जरूरी है। एक प्रश्न के उत्तर में पूर्व मंत्री ने कहा कि वह भाजपा सरकार से ही इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाने के लिए दबाव डालेंगे। यदि सरकार ने उच्च स्तरीय जांच ना करवाई तो शीघ्र ही कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से एक शिष्टमंडल मिलेगा और भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के विरूद्ध जांच करवाने की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर ऐसे लोगों, जोकि आस्था के नाम पर करोड़ों रूपए हड़प गए, उनको जेल की सलाखों के पीछे डाला जाएगा। इस मौके पर उनके साथ सुभाष पाली, पूर्व पार्षद मनु जैन, टेकचंद बारना, ओमप्रकाश पलवल, पूर्व जिप सदस्य चंद्रभान बाल्मिकी, हिमांशु अरोड़ा, प्रवीन कश्यप, गोपाल गौड़, सुनील सैनी, कुलदीप सहित अन्य जन उपस्थित रहे।

साजिस करके श्री कृष्ण संग्रहालय की स्थिति करी बदत्तर।
अरोड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर का श्री कृष्णा संग्रहालय बनाया गया है। एक साजिश के तहत इस संग्रहालय की स्थिति बद से बदत्तर कर दी गई है। आज कोई इस संग्रहालय को देखने जाता है तो उसे निराशा ही हाथ लगती है। इस साजिश का भी पर्दाफास किया जाना जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर इस बार पुरुषोत्तमपुरा बाग में सांस्कृतिक कार्यक्रम और संत सम्मेलन के लिए पंडाल लगाए जाने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले तो मेला क्षेत्र में लगभग 3 करोड रुपए की लागत से टेंट लगाया जाता था। इस बार यह टेंट न लगाकर सराहनीय कार्य किया गया है।

ब्रह्मसरोवर की पवित्रता की जाए बहाल।
पूर्व मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव मनाते समय ब्रह्मसरोवर की पवित्रता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। ब्रह्मसरोवर पर सरकारी प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, क्राफ्ट मेला इत्यादि लगाना तो उचित है लेकिन खान-पान के पंडाल और अन्य व्यावसायिक दुकान ब्रह्मसरोवर से बाहर लगानी चाहिए ताकि ब्रह्मसरोवर की पवित्रता को बहाल रखा जा सके। अक्सर देखा गया है कि लोग खान-पान के बाद झूठे पत्ते तथा प्लेट आदि ब्रह्मसरोवर के घाटों और तीर्थ के बीच में ही डाल देते हैं जिससे तीर्थ की पवित्रता भंग होती है।

श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा तथा धार्मिक आस्था के लोगों को बनाया जाता था केडीबी सदस्य।
पूर्व मंत्री अरोड़ा ने कहा कि पहले नगर की सबसे प्राचीन धार्मिक संस्था श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रतिनिधियों तथा उच्च कोटि के संतो एवं धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया जाता था लेकिन जब से भाजपा की सरकार आई है राजनीतिक लोगों को इस बोर्ड में सदस्य बनाए जाने लगा और मानद सचिव के पद पर राजनीतिक लोगों को मनोनीत किया जाता है। इससे बोर्ड में भ्रष्टाचार फैल रहा है। उन्होंने मांग की कि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड में श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रतिनिधियों तथा धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को ही सदस्य बनाया जाए।

पत्रकारों के साथ आरती स्थल तथा ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा का किया निरीक्षण।
अशोक अरोड़ा ने पत्रकारों के साथ ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा का दौरा किया और टूटे हुए पत्थर दिखाए। इसी के साथ-साथ ब्रह्मसरोवर में फैली गंदगी दिखाई और आरती स्थल पर जाकर पत्रकारों को बताया कि आरती स्थल पर लगभग डेढ करोड रुपए खर्च किया गया है जबकि किसी हालत में यहां पर 25 लाख रुपए से ऊपर खर्च नहीं आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म में आस्था के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया गया है। ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा।

सुरक्षा का बुरा हाल।
अशोक अरोड़ा ने कहा कि ब्रह्मसरोवर पर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रतिदिन बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का सामान चोरी हो जाता है। ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा में लगी ग्रिल चोरी हो जाती हैं। निकट में ही पुलिस थाना और पर्यटक पुलिस होने के बावजूद यहां पर सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु जब चोरी का घटनाओं का शिकार होते हैं तो वह प्रशासन को भला बुरा कहते हुए लौटते हैं। उन्होंने मांग की कि ब्रह्मसरोवर पर सीसीटीवी कैमरे चालू किए जाएं और सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध पुख्ता किया जाए।

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