आप चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर व प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने अधिवक्ताओं से किया संवाद

10 अक्टूबर को होने वाले संविधान बचाओ मार्च का निमंत्रण दिया
किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं, लोकतंत्र व संविधान को बचाने के लिए लड़ाई : डॉ. अशोक तंवर
लोकतंत्र, संविधान व न्यायपालिका पर हमला, देश के लिए खतरा : डॉ. अशोक तंवर
भाजपा के 10 साल के राज में लोकतंत्र के सभी स्तंभ ढह चुके, हैं, बस न्यायपालिका बची : चित्रा सरवारा
इलेक्शन कमीशन की कमेटी से चीफ जस्टिस को बाहर कर चुनाव प्रक्रिया से कॉम्प्रोमाइज करना चाहती है भाजपा : चित्रा सरवारा

अंबाला, 04 अक्टूबर – आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर और प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने बुधवार को अंबाला के जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता संवाद में शामिल हुए। इस दौरान 10 अक्टूबर को होने वाले संविधान बचाओ मार्च का निमंत्रण दिया और लोकतंत्र बचाने के लिए हस्ताक्षर कैंपेन चलाया। उन्होंने कहा कि आजादी के संघर्ष में जितना योगदान लीगल फ्रेटरनिटी का रहा इतना शायद किसी और फ्रेटरनिटी व कम्युनिटी का नहीं रहा। क्योंकि लीगल फ्रेटरनिटी के लोग समाज का सबसे जागरूक हिस्सा होते हैं। देश कानून और संविधान के हिसाब से चलता है और कानून सबसे पहले अधिवक्ता पढ़ते हैं। इसलिए देश में जो बदलाव होने हों वो आम लोगों से पहले अधिवक्ताओं को पता चलता है।

डॉ. अशोक तंवर ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ये किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है। भाजपा सरकार ने जब दिल्ली के लोगों का अधिकार छीनने की कोशिश की तो न्यायपालिका ने स्टैंड लिया। लेकिन सराकर ने संसद में बहुमत होने के कारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया। भाजपा ने दिल्ली में अव्यवस्था का माहौल बनाने की कोशिश की है। वहां कोई भ्रष्टाचार करता है तो ईमानदार नेतृत्व उनको कंट्रोल करना चाहता है, लेकिन वो उन पर कार्रवाई नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र, संविधान और न्यायपालिका पर हमला हो रहा है तो ये देश के लिए खतरा है। सभी अधिवक्ताओं को आगे आकर अपनी जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। आज देश और न्यायपालिका को आपकी जरुरत है। उन्होंने कहा कि 10 अक्टूबर को होने वाले संविधान बचाओ मार्च अंबाला की भूमिका सबसे ज्यादा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि समाज की जितनी भी समस्याएं हैं वो कोर्ट में पहुंचती हैं और कोर्ट में पहुंचने से पहले वकीलों के बीच चर्चाओं के लिए आती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के पास भी इतनी समस्याएं निवारण के लिए नहीं जाती वकीलों के समक्ष लोग लेकर आते हैं। इसलिए समाज में कैसे चल रहा है, क्या चल रहा है, क्या समस्याएं हैं और समाज किस तरफ जा रहा है उसको कैसे सही दिशा में ले जाया जा सकता है। इस सारे सवालों के बारे में जितनी समझ लीगल फ्रेटरनिटी को होती है इतनी किसी को नहीं हो सकती।

प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने कहा कि लोकतंत्र के चार स्तंभ होते हैं, जिसमें न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका और मीडिया है। जिनके ऊपर लोकतंत्र टिका हुआ है। लेकिन भाजपा के 10 साल के राज में सभी स्तंभ ढह चुके हैं, बस एकमात्र न्यायपालिका बची है। आज के दिन लोकतंत्र से तानाशाही की तरफ जाने की कोशिश हो रही है। भाजपा अब सीधा न्यायपालिका को टारगेट कर रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इलेक्शन कमीशन की कमेटी से चीफ जस्टिस को बाहर कर दिया। चीफ जस्टिस को इलेक्शन कमेटी से बाहर करना सवाल खड़ा करता है कि भाजपा सरकार इलेक्शन कमीशन में अपनी मर्जी के व्यक्ति को बैठाकर चुनाव प्रक्रिया को कॉम्प्रोमाइज करके अपने तरीके से सरकार चलाना चाहती है। इसका मतलब न्यायपालिका पर जो हमला किया जा रहा है ये लोकतंत्र पर आखिरी हमला है।

इस मौके पर लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष मोक्ष पसरीजा, संदीप सागवान, देवेंद्र मान, तुषार गौतम, सरबजीत सिंह, मनीष आजमी, विजय लंबा, सरिता जरोरा, विनोद भारद्वाज, धर्म सिंह खुब्बर और विकास राठी मौजूद रहे।

You May Have Missed