— पंजाब गुरूओं की भूमि भगवंत मान सरकार मानवता के आधार पर इंसानियत दिखाए
— माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पंजाब सरकार बिना किसी देरी के एसवाईएल नहर का निर्माण कार्य शुरू कराए – बोले धनखड़

चंडीगढ़, 4 अक्टूबर। हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष औमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच एसवाईएल के जल बंटवारे को और लंबा न खींचकर हरियाणा के कानूनी हक का सम्मान करते हुए और मानवीय आधार को ध्यान में रखते हुए पंजाब की आप सरकार को तत्काल हरियाणा को पानी देने की व्यवस्था करनी चाहिए। पंजाब गुरूओं की भूमि है, गुरूओं की भूमि पर इंसानियत और मानवता को सर्वाेपरि माना जाता रहा है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी एक बार फिर पंजाब सरकार को एसवाईएल से हरियाणा के हक का पानी देने के लिए पंजाब सरकार को निर्देशित किया है। साथ ही सर्वे कार्य में सहयोग करने के लिए कहा है। लोकतंत्र में कानून से शासन व्यवस्था चलती है और आप पार्टी की भगवत मान की सरकार को तत्काल सकारात्मक सोच के साथ माननीय सर्वाेच्च अदालत के निर्णय पर अमल करना चाहिए।

धनखड़ ने कहा कि एसवाईएल से हमारे कानूनी हक का पंजाब लगभग 19 लाख एकड़ फुट पानी दशकों से नहीं दे रहा है। जिससे हरियाणा में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की कमी हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली को 1050 क्यूसिक और हरियाणा को दो हजार क्यूसिक पानी प्रतिदिन पेयजल की पूर्ति के लिए चाहिए। एसवाईएल से कम पानी मिलने पर भी मानवता के आधार पर हरियाणा देश की राजधानी को पूरा पानी दे रहा है। यहीं मानवीय आधार की सोच पंजाब सरकार को दिखानी चाहिए।

धनखड़ ने कहा कि पंजाब तर्क दे रहा है कि एसवाईएल में पानी कम हो गया है। वाटर चौनल पुराना हो गया है। एसवाईएल के पानी की मात्रा को मापा जा सकता है। पानी कम है तो पंजाब से पाकिस्तान पानी कैसे जा रहा है। कभी पंजाब के मुख्यमंत्री बरसात के सीजन में बोलते है हरियाणा हून पानी ले लो। धनखड़ ने कहा कि दोनों राज्यों को पानी की पूरी मात्रा देने के लिए वैकल्पिक वाटर चौनल की व्यवस्था हो सकती है। पंजाब को यह विवाद लंबा नहीं खींचना चाहिए और माननीय सर्वाेच्च अदालत के निर्णय को सिर माथे रखते हुए पंजाब सरकार को एसवाईएल नहर के निर्माण में अच्छे सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए। इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, यह बात सुप्रीम कोर्ट ने भी कही है।