·        पंजाब सरकार ये न समझे कि हरियाणा में कमजोर सरकार है और कुछ नहीं बोलेगी, SYL मुद्दे पर पूरा हरियाणा एक है  दीपेन्द्र हुड्डा

·        हरियाणा सरकार SYL मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का केस दाखिल करे दीपेन्द्र हुड्डा

·        SYL पर ढुलमुल रवैया छोड़े हरियाणा सरकार – दीपेंद्र हुड्डा

·        हरियाणा के हिस्से का एक-एक बूँद पानी लेकर रहेंगे – दीपेन्द्र हुड्डा

·        नदियों का जल राष्ट्रीय संपत्ति है, किसी की बपौती नहीं – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 4 अक्टूबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर (SYL) मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा के हितों के साथ खिलवाड़ की कोशिश न करे।सुप्रीम कोर्ट SYL मुद्दे पर पहले ही हरियाणा के हक में फाइनल फैसला दे चुका है। इसलिए हरियाणा सरकार को देश की सर्वोच्च अदालत के आदेशों की अवहेलना का केस दाखिल करना चाहिए। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि खट्टर सरकार अपने आपको कमजोर न समझे, इस मामले में हम उनके साथ खड़े हैं। हरियाणा अपने हक का एक बूंद भी पानी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के अंतिम फैसले के बाद अब केंद्र सरकार तथा पंजाब सरकार को इसका अनुपालन करना है और हरियाणा सरकार को इसके लिए प्रयत्न करना है। हरियाणा के हक़ में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले और सर्वदलीय मीटिंग में हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री से समय लेने की बात तय होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने कभी हरियाणा को पानी दिलवाने की दिशा में ठोस क़दम आगे नहीं बढ़ाया। SYL मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा विधान सभा में भी साफ तौर से कहा था कि हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना का केस दाखिल करना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि नदियों का जल राष्ट्रीय संपत्ति है, किसी की बपौती नहीं है। आठ अप्रैल 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपने हाथों से कपूरी गाँव में सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण की नींव रखकर शुरुआत की थी। 214 किलोमीटर लंबी यह नहर पंजाब में बहने वाली सतलुज और हरियाणा से गुजरने वाली यमुना नदी को जोड़ने के लिए बननी थी। किसी सरकार में SYL ज्यादा खुदी, किसी सरकार में कम खुदी और किसी सरकार में नहीं खुदी। प्रदेश में पहली बार जब बीजेपी सरकार आई तो इसको बेहद कमजोर मानकर पंजाब सरकार ने खुदी-खुदाई SYL को पाटने का काम कर दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में सिंचाई के लिए पानी के तीन प्रमुख स्रोत हैं। पहला यमुना से, जिसका पानी दिनों-दिन कम होता जा रहा है और वो बरसाती नदी में तब्दील हो रही है। दूसरा, भाखड़ा से जिसका पूरा पानी SYL से आना था, और तीसरा ट्यूबवेल से, चूंकि जमीन के नीचे का जलस्तर काफी तेजी से घट रहा है और यही हाल रहा तो भू-जल धीरे-धीरे खतम हो जाएगा। भू-जल स्तर को रिचार्ज करने के लिए ही चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सरकार ने दादूपुर-नलवी नहर का निर्माण कराया था। जिसे बीजेपी सरकार ने पाटने का फैसला कर दिया। यदि SYL नहीं बनी, यमुना का पानी और जमीन के नीचे का पानी कम होता जाएगा तो सारे देश का पेट भरने वाला हरियाणा बंजर हो जाएगा। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हांसी-बुटाना नहर बनाई गई थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने उसमें पानी लाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पंजाब सरकार सबसे पहले एसवाईएल पर हरियाणा के हक में दिये गये सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अक्षरशः लागू करे। दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बाद भी मौजूदा सरकार ने साढ़े 9 साल से सत्ता में होने के बावजूद कभी SYL का पानी हरियाणा को दिलवाने की गंभीर कोशिश नहीं की। अगर बीजेपी सच में हरियाणा को पानी दिलवाने को लेकर गंभीर होती तो अबतक प्रदेश को SYL का पानी मिल चुका होता। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार से एसवाईएल मुद्दे पर लचर रवैया छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि हरियाणा में इस मुद्दे पर कोई राजनैतिक मतभेद नहीं है, SYL मुद्दे पर पूरा हरियाणा एक है। दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से अपील करी कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार और पंजाब सरकार पर पूरी मजबूती और निडरता से दबाव बनाएं।

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