धान की बिक्री के 08 दिन बाद भी किसानों को नहीं मिली पेमेंट
 बाजरे की एमएसपी पर खरीद न होने पर किसानों को हो रहा है बड़ा आर्थिक नुकसान

चंडीगढ़, 03 अक्तूबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार खरीफ फसलों की खरीद के मामले में बुरी तरह फेल साबित हुई है। धान की बिक्री के 08 दिन बाद भी किसानों को फसल का भुगतान नहीं किया गया है। बाजरे की एमएसपी पर खरीद भी शुरू नहीं हो सकी है। फसलों की खरीद को लेकर सरकार ने जो गलतियां खुद की है उनका खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार जब 25 सितंबर से धान खरीद करने का फैसला ले चुकी थी, तो फिर मंडियों में उसी हिसाब से तैयारी क्यों नहीं की गई यानी सरकार ने किसानों को गुमराह करते हुए बिना तैयारी के ही धान खरीद की तिथि की घोषणा कर दी किसान-आढ़ती को परेशान करने के लिए फुलप्रूफ इंतजाम नहीं किए गए। खरीद की शुरुआत के 08 दिन में ही मंडियों में की गई व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धान बेच कर जा चुके किसानों के खातों में अभी तक रुपये भी नहीं डाले गए हैं, जबकि सरकार ने दावा किया था कि 48 घंटे में बैंक खाते में रुपये पहुंच जाएंगे। इससे किसानों के प्रति सरकार की सोच और नीयत का पता चलता है। उन्होंने कहा कि जुमलो वाली सरकार केवल घोषणा ही करना जानती है, सही समय पर कभी भी अमल नहीं किया गया।

कुमारी सैलजा ने कहा कि जब बाजरे की एमएसपी पर सरकारी खरीद 01 अक्टूबर से शुरू होनी थी, फिर पहले ही दिन 06 जिलों में एक भी दाना नहीं खरीदा गया। सरकार को बाजरा उत्पादकों को कम दाम मिलने से हो रहे घाटे की भरपाई के लिए आगे आना चाहिए। इसके साथ ही मंडियों से उठान में तेजी लानी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 25 सितंबर से धान की खरीद शुरू करने वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार अभी तक जिलों में धान की खरीद पॉलिसी भी नहीं भेज पाई है। जबकि इसकी वजह से मंडियों में तैनात अधिकारी व कर्मचारी भी परेशान हैं। पहले ही फसल में नुकसान से परेशान किसान अब मंडियों में पहुंच कर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि बाजरे के एक-एक दाने की खरीद की जाए। किसी भी किसान का बाजरा बिना खरीद के उसके घर पर न रहे। प्रदेश सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए फसल खरीद के इस तरह के इंतजाम करने चाहिए, ताकि किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो।

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