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आरटीआई में हुआ खुलासा : सिविल सर्जन कार्यालय में पीएनडीटी कोष से लोन लेकर लगा डाले कर्मचारियों के कमरों में एसी - Bharat Sarathi
-स्वास्थ्य महानिदेशालय के किसी अधिकारी से बिना किसी अनुमति के ही सिविल सर्जन ने दी मंजूरी
-यूजर मनी ब्रांच ने बजट से किया था इंकार, उप सिविल सर्जन ने पीएनडीटी मद से जारी किया लोन

भिवानी, 03 अक्तूबर। सिविल सर्जन कार्यालय में पीएनडीटी(प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक) कोष से लोन लेकर कर्मचारियों के कमरों में भी एसी लगा डाले। यह खुलासा आरटीआई के तहत मिली जानकारी में हुआ है। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने सिविल सर्जन भिवानी कार्यालय से जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी।

जिसके जवाब में सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी में बताया गया कि नौ कमरों में 3 लाख 27 हजार 998 रुपये खर्च कर एसपी लगाए गए हैं। इन एसी को लगाने के लिए यूजर मनी ब्रांच से अनुमति मांगी गई थी। इस ब्रांच से बजट देने से मना कर दिया था। जिसके बाद पीएनडीटी कोष से लोन लेकर एसी लगा डाले। जिन कमरों में एसी लगाए गए हैं, उनमें कमरा नंबर 200,210,215,216,219, 225 व अन्य कमरों में बैठने वाले कर्मचारियों के लिए एसी लगाए हैं। इन कमरों में एसी लगाने से पहले स्वास्थ्य महानिदेशालय व हरियाणा सरकार के किसी भी अधिकारी से कोई अनुमति नहीं ली गई जबकि सिविल सर्जन ने ही एसी लगाने का बजट लोन पर लिया और इन्हें लगाने की भी मंजूरी दे डाली।

नियम के अनुसार हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के आदेशानुसार एसी नहीं लगाए जा सकते। नियमों के खिलाफ विभागीय अधिकारियों के लिए एसी लगाए गए हैं। जबकि इन एसी पर खर्च होने वाली बिजली का बिल किस मद से भरा जा रहा है। इसकी जानकारी भी सिविल सर्जन कार्यालय ने छीपा ली। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि पीएनडीटी कोष के पैसे का उपयोग उसी मद के लिए किया जा सकता है। जबकि उस मद से लोन लेकर किसी दूसरे मद में पैसे का उपयोग करना भी गलत है।

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