·        सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने OPS बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों और श्रमिक संगठनों के आंदोलन को दिया पूर्ण समर्थन
·        सरकार जानबूझकर कर्मचारियों को परेशान और उनके हितों पर कुठाराघात कर रही – दीपेन्द्र हुड्डा
·        कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक कर्मचारियों के हकों की लड़ाई लड़ेगी- दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 1 अक्टूबर। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने पुरानी पेंशन बहाली के लिये अटेवा (ATEWA) व नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) से जुड़े संगठनों द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि OPS हर कर्मचारी का हक है, कर्मचारियों की मांगें जायज हैं। सरकार इन्हें माने और तुरंत OPS लागू करे। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ की काँग्रेस सरकारों की तर्ज पर हरियाणा में भी कांग्रेस सरकार बनने पर हम पहली कैबिनेट में कर्मचारियों की मांगों को पूरा करके तुरंत प्रभाव से OPS लागू करेंगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने कर्मचारियों को भरोसा दिया कि कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक ओल्ड पेंशन स्कीम के हक में उनकी लड़ाई लड़ेगी।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू करने की मांग पूरी तरह से जायज है लेकिन सरकार, जानबूझकर कर्मियों को परेशान कर रही है और उनके हितों पर कुठाराघात कर रही है। जब देश के पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है, तो पूरे देश में क्यों नहीं। केंद्र सरकार ने जो कमेटी गठित की है, उसमें ओपीएस का कहीं जिक्र तक नहीं है। वह तो एनपीएस में सुधार के लिए है, जबकि कर्मचारी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें ओपीएस से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकारी कर्मियों की केवल एक ही मांग है, बिना गारंटी वाली ‘एनपीएस’ योजना को खत्म किया जाए और परिभाषित एवं गारंटी वाली ‘पुरानी पेंशन योजना’ को बहाल किया जाए।

उन्होंने कहा कि एनपीएस में पुरानी पेंशन व्यवस्था की तरह महंगाई राहत का भी कोई प्रावधान नहीं है। जो कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में आते हैं, उन्हें महंगाई राहत के तौर पर आर्थिक फायदा मिलता है। एनपीएस में सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी नहीं रही। रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मियों को जानबूझ कर कष्टकारी जीवन बिताने के लिए गर्त में धकेला जा रहा है।

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