चंडीगढ़, 27 सितम्बर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य करते हुए राज्य चौकसी ब्यूरो तथा हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा सरकार के आदेशों पर गत दिनों के दौरान 20 छापे मार कर 28 सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को 2,000 रुपये से लेकर 7,00,000 रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं। ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ब्यूरो इसी अवधि के दौरान सरकार के आदेशानुसार 12 जांचें पूरी की जिनमें से चार जांचों में 8 राजपत्रित अधिकारियों, 21 कर्मचारियों तथा 9 प्राइवेट व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का सुझाव दिया है तथा दो कर्मचारियों व एक प्राइवेट व्यक्ति से 36,52,57,734 रुपये की वसूली करने का सुझाव दिया है। इसी प्रकार, तीन जांचों में 5 राजपत्रित अधिकारियों व दो कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने तथा एक जांच में 11 राजपत्रित अधिकारियों, एक कर्मचारी व चार 9 प्राइवेट व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का सुझाव दिया है और एक जांच में सरकार को अपने स्तर पर कार्यवाही करने को कहा है। प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा, ब्यूरो द्वारा दो विशेष चेकिंग/तकनीकी जांच की रिपोर्ट भी सरकार को भेजी जिसमें चार राजपत्रित अधिकारियों व दो कर्मचारियों के साथ संबंधित एजेंसियों से 2,34,720 रुपये की रिकवरी करने की सिफारिश की गई है। प्रवक्ता ने बताया कि इसी अवधि के दौरान जिन 28 अधिकारियों, कर्मचारियों व उनके सहयोगियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर जिनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,1988 के तहत मामले दर्ज किए गए, उनमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र की निर्माण शाखा में कार्यकारी अभियंता पंकज शर्मा को 1,00,000 रुपये, नागरिक अस्पताल पलवल के डॉ. शिव शंकर, डॉ. अक्षय जैन, डॉ. पंकज खण्डेलवाल व प्राइवेट डॉ. राजकुमार को 30,000 रुपये, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, पंचकूला के प्रमुख अभियंता महेन्द्र सिंह को 35,000 रुपये, श्रम व रोजगार विभाग, गुरुग्राम के कर्मचारी भविष्य निधि संस्था के प्रवर्तन अधिकारी मुनीष नारंग व रवि बरुआ को 7,00,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना शामिल है। इसी प्रकार, नगर परिषद सोहना के कनिष्ठ अभियंता ओम प्रकाश को 1,50,000 रुपये, दक्षिण पूर्व दिल्ली सरिता विहार, पुलिस थाना के उप-निरीक्षक राजेन्द्र सिंह को 1,00,000 रुपये, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय अम्बाला छावनी के लिपिक राजकुमार व हरीश को 55,000 रुपये, सहायक जिला खाद्य अधिकारी रेवाड़ी के सज्जन कुमार, मार्केट कमेटी के लेखाकार मलकीत व मुजेसर सेक्टर-24 फरीदाबाद के सहायक उप-निरीक्षक को 30,000-30,000 रुपये, हल्का पटवारी मथाना कुरुक्षेत्र के हरप्रीत सिंह को 20,000 रुपये, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी कार्यालय के डाटा एंट्री ऑपरेटर विक्रम को 16,500 रुपये, पुलिस चौकी गवाल पहाड़ी, गुरुग्राम के कार्यकारी उप-निरीक्षक चेतन शर्मा को 15,000 रुपये, आबकारी एवं कराधान विभाग, नारनौल के विजेन्द्र सिंह को 10,000 रुपये, दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट यमुनानगर के सहायक कार्यकारी अभियंता आशुतोष अग्रवाल को 10,000 रुपये, हरियाणा राज्य परिवहन, महानिदेशक, चण्डीगढ़ कार्यालय के सहायक प्रतीक को 10,000 रुपये, गोछी बल्लबगढ़ के हल्का पटवारी मनोज कुमार व प्राइवेट सहायक पटवारी मानसिंह को 3,000 रुपये, पुलिस थाना सिटी नारनौल के उप-निरीक्षक रमेश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक देवेन्द्र कुमार व महिला सहायक उप-निरीक्षक आशा को 2,000 रुपये, रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने गैर-विभागीय मामलों में छापेमारी के दौरान डीबीएस बैंक नोएडा के सहायक उपाध्यक्ष अनुभव खनेजा व वरिष्ठï प्रबंधक नितिन अरोड़ा को 1,00,000 रुपये तथा निडाना, महम के संजीत को 2,500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर मामले भी दर्ज किये हैं। Post navigation राज्य और केंद्र सरकार रोजगार देने के नाम पर उछाल रही है जुमला : कुमारी सैलजा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा का रोहतक में होगा मंथन