100 पदों में से केवल 61 अभ्यर्थियों को ही इंटरव्यू के लिए किया गया चयनित- चौधरी उदयभान
एक ही सीरीज के रोल नंबर वाले 44 प्रतिशत अभ्यर्थी हुए चयनित, भर्ती पर उठ रहे सवाल-चौधरी उदयभान
इंटरव्यू के लिए पोस्ट के तीन गुना अभ्यर्थियों को बुलाए जाने का प्रावधान, लेकिन 61 अभ्यर्थियों को ही किया गया चयनित- चौधरी उदयभान

चंडीगढ़, 26 सितंबर:- हरियाणा लोक सेवा आयोग ने हरियाणा सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी कर  अभ्यर्थियों के साथ भद्दा मजाक करने का काम किया है। यह कहना है हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान का। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा 100 पदों में से केवल 61 अभ्यर्थियों को ही इंटरव्यू के लिए चयनित किया गया है जोकि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

चौधरी उदयभान ने कहा कि इंटरव्यू के लिए पोस्ट के तीन गुना अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है, अगर पोस्ट के तीन गुना अभ्यर्थी भी बुलाए जाते तो भी करीब 300 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए था। लेकिन केवल 61 अभ्यर्थियों को ही इंटरव्यू के लिए चयनित करके आयोग ने केवल एग्जाम लेने का नाटक किया है। और उनमें भी 44 प्रतिशत अभ्यर्थी 1500 व 1900 सीरीज के रोल नंबर वाले हैं। जिससे भर्ती पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले भी HPSC की भर्तियों में ऐसे ही गड़बड़झाले देखने को मिलते रहे हैं। और आयोग की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इतने अभ्यर्थियों को भी केवल इंटरव्यू के लिए ही चयनित किया गया है और अंत में फाइनल कितने अभ्यर्थी चयनित होंगे ये तो भविष्य के गर्भ में है। चौधरी उदयभान ने कहा कि भर्तियों के नाम पर प्रदेश के युवाओं को भ्रमित करने का काम किया जाता है। जितने पदों पर नौकरियां निकाली जाती है है उन पदों को भी पूरा नहीं भरा जाता है। जोकि आयोग और सरकार का बड़ा फेलियर है।

चौधरी उदयभान ने कहा कि आज प्रदेश बेरोजगारी में पुरे देश में नंबर-1 पर है। लेकिन प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाए चुनावी जुमले देने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 2 लाख के करीब सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं। बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा खाली पड़े सरकारी पदों पर भर्ती न करना गठबंधन सरकार की मंसा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे साबित होता है कि यह सरकार युवाओं को रोजगार देना ही नहीं चाहती है। बेरोजगारी से हताश और परेशान प्रदेश के युवा अपराध और नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। युवा शक्ति को दिशा देने की तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है।

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