सरकार और आयोग युवाओं के धैर्य की परीक्षा न लें, बताएँ पास घोषित युवाओं में से कितने हरियाणा के!
सत्ता में आते ही सारी गड़बड़ियों की समयबद्ध जाँच करवा के दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई!

चंडीगढ़, 26 सितंबर। हरियाणा लोकसेवा आयोग द्वारा सोमवार को घोषित एचसीएस की मुख्य परीक्षा में 96 पदों के लिए केवल 61 अभ्यर्थियों को पास किए जाने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है। सुरजेवाला ने कहा कि ‘हेराफेरी सर्विस कमीशन’ के नाम से कुख्यात हो चुके खट्टर साहब के एचपीएससी ने एक बार फिर से इस परीक्षा के आयोजन से लेकर परिणाम तक अपना असली रंग दिखा दिया है।

उन्होंने कहा कि एचपीएससी ने मई में एचसीएस कार्यकारी शाखा एवं संबद्ध सेवाओं के 96 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा ली थी। जिसमे पदों की संख्या के 12 गुणा अर्थात लगभग 1200 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए पास दिखाया गया था। कैंडिडेट्स ने प्रारंभिक परीक्षा को भी उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी क्योंकि इस परीक्षा में सीसैट के पेपर में 38 प्रश्न पिछली परीक्षा से नकल करके दिए गए थे लेकिन, खट्टर सरकार ने अभ्यर्थियों को कानूनी दांवपेंच में उलझाकर अगस्त में मुख्य परीक्षा करवा ली।

सुरजेवाला ने कहा कि नियमों के मुताबिक़, मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों को मेरिट में आने के लिए हिंदी तथा अंग्रेज़ी के पेपर में 33% तथा सभी पेपरों के मिलाकर कुल 45% अंक हासिल करने होते हैं। जो अभ्यर्थी ये शर्त पूरी करते हैं उनमें से कुल पदों के ढाई गुणा अभ्यर्थियों की मैरिट बनाकर उनको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। प्रदेश के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि जितने पद हैं उसके केवल दो तिहाई उम्मीदवार ही मुख्य परीक्षा पास कर पाए।

अब इसके लिए दो ही निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं –

· या तो हरियाणा के मेधावी युवाओं को जानबूझकर फेल किया गया है ताकि बाहरियों को हरियाणा में फिट किया जा सके।

· या फिर प्रारम्भिक परीक्षा में गड़बड़ियां करके ऐसे युवाओं को पास किया गया था जो मुख्य परीक्षा में 33% अंक भी हासिल नहीं कर पाए।

· अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि सभी बच्चे नालायक हों इसलिए यही हकीकत है कि हमारे बच्चों का जानबूझकर गला घोंटा गया है।

इससे पहले एडीओ की भर्ती में भी ये सरकार 600 पदों में से 550 पद खाली रखकर हरियाणा के बच्चों पर अत्याचार कर चुकी है। सुरजेवाला ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस सरकार का ‘झोला पैक’ होने का समय आ चुका है। हरियाणा के युवाओं को हताश होने की ज़रूरत नही है, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही एचपीएससी के सभी कारनामों की विस्तृत जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता इस जनविरोधी सरकार को बाहर करने का मन बना चुकी है। सत्ता परिवर्तन की स्पष्ट आहट पाकर खट्टर साहब हमारे लाखों शिक्षित युवाओं का भविष्य चौपट करके उनसे बदला ले रहे हैं।

सुरजेवाला ने सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि खट्टर साहब जवाब दें कि क्या प्रारम्भिक परीक्षा में ऐसे बच्चों को पास किया गया था जो मुख्य परीक्षा में हिंदी और अंग्रेज़ी के पेपर में 33% अंक भी नही ले पाए या फिर 1200 में से लगभग 1100 अभ्यर्थियों को जानबूझकर फेल किया गया है?

रणदीप ने खट्टर सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि इनके इस हेराफेरी सर्विस कमीशन ने तो आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों का भी गला घोंट दिया। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि खट्टर इस प्रदेश के अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के युवाओं के सपनों को कुचलने के गुनाहगार हैं। यदि ये सरकार इस आरोप को नकारती है तो खट्टर साहब मुख्य परीक्षा का कैटेगरीवाइज रिजल्ट घोषित करवाकर बताएं कि इन सिर्फ 61 सफल अभ्यर्थियों में से अनुसूचित जाति, बीसी ए, बीसी बी, ईडब्ल्यूएस और विकलांग श्रेणी के कितने-कितने उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में पास हुए हैं?

सुरजेवाला यहीं नही रुके। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि 96 पदों के लिए जो 61 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में सफल घोषित किए गए हैं उनमें से 60% से ज्यादा हरियाणा से बाहर के हैं या नहीं? उन्होंने कहा कि खट्टर साहब को हरियाणा के युवाओं से इतनी नफरत है कि हमारे 3,59,000 सीईटी पास युवाओं से तो क्लर्क-पटवारी तक लगने का अवसर छीन लिया गया और चेयरमैन आलोक वर्मा के गृहप्रदेश से ला-लाकर युवाओं को यहां अफसर बनाया जा रहा है।

हरियाणा के बच्चों का UPSC तक में भारी मात्रा में चयन होता है लेकिन प्रदेश की खट्टर सरकार इन्हे कंधे से ऊपर कमज़ोर बताने में जुटी हुई है इनके नाकारा कमीशन की कार्यप्रणाली की सहायता से!

अब जवाब माँगने का समय आ गया है।

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