– मां अमृता देवी के शहीदी दिवस पर तलवंडी बादशाहपुर गांव में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे आदमपुर विधायक भव्य बिश्नोई

हिसार 25 सितंबर : पर्यावरण व जीव संरक्षण में बिश्नोई समाज का हमेशा ही अग्रणीय योगदान रहा है। पर्यावरण की रक्षा के लिए मां अमृता देवी और उनके साथ शहीद हुए बलिदानियों का नाम इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। आज उनके शहीदी दिवस पर हम उन्हें हृदय से नमन करते हैं। यह बात आदमपुर से भाजपा विधायक भव्य बिश्नोई ने गांव तलवंडी बादशाहपुर गांव में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। भव्य बिश्नोई ने कहा कि मां अमृता देवी सहित 363 बलिदानियों का ऐसा महान बलिदान विश्व के इतिहास में अन्य कहीं नहीं मिलेगा। हम गर्व महसूस करते हैं कि हमारे पूर्वज जिन्होंने आज से 500 वर्ष पूर्व ही पर्यावरण की न केवल महत्वता को समझा, बल्कि उसकी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी। हमें अपने महान पूर्वजों से सीख लेते हुए आज के इस भौतिक युग में पर्यावरण को बचाने के लिए न केवल अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे, बल्कि उनको बचाना भी होगा और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए भी बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे।

भव्य बिश्नोई ने कहा कि मां अमृता देवी के बलिदान दिवस पर इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले तलवंडी बादशाहपुर के सभी साथियों को मैं बधाई देता हूं जो ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करके समाज में पर्यावरण की रक्षा के प्रति चेतना जागृत कर रहे हैं। भव्य बिश्नोई ने कहा कि मानवीय जीवन के लिए एक संतुलित पर्यावरण का होना अति आवश्यक है और जैसा कि आज पर्यावरण संतुलन विश्वस्तर पर ज्वंलत मुद्दा है। चाहे अमरीका, जापान जैसे विकसित देश हो या फिर विकासशील देश हों। हर जगह आज बेमौसमी बारिश, बाढ़, सूखा, भूकंप आ रहे हैं जो कि विभिन्न प्रकार से मानव जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। यह सब प्रकृति से अत्यधिक छेड़छाड़ का नतीजा है। जंगलों को काटा गया, पहाड़ों को काटा जा रहा है। नदियों की कुदरती धारा प्रवाह को रोककर बांध बनाए जा रहे हैं, जो तत्कालिक रूप से तो मनुष्य को फायदा पहुंचा सकते हैं, परंतु इसके दुष्परिणाम आने वाली पीढिय़ों पर भयंकर रूप से पड़ेंगे।

विधायक ने कहा कि हमारा दायित्व बनता है कि जिस प्रकार हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण की महत्वता को समझते हुए पर्यावरण व जीवों की रक्षा को सबसे जरूरी बताया है और श्री गुरू जम्भेश्वर भगवान के दिए उपदेशों की पालना करते हुए प्रकृति के हित में अपने बलिदान दिए और हमें बहुत अच्छा पर्यावरण का आवरण दिया। इसी पर्यावरण की रक्षा के लिए अनेकों बलिदान हुए और आज यहां हम सब मां अमृता देवी और उनके साथ शहीद हुए बलिदानियों को नमन करने के लिए इक_ा हुए हैं। मां अमृता ने 1730 में पेड़ों की रक्षा के लिए कहा था कि ‘सिर साटे, रूंख रहे, तो भी सस्तो जांण’ जिसका अर्थ है कि  सिर कटने के बदले अगर एक पेड़ की रक्षा होती है तो वह भी पर्यावरण के बदले में सस्ता है। भव्य बिश्नोई ने तलवंडी राणा और आदमपुर सहित हिसार लोकसभा के कई कार्यकर्मों में शिरकत की। उन्होंने आदमपुर मंडी में नई सीवर लाइन का शिलान्यास किया जिसके तहत मंडी आदमपुर, जवाहर नगर, आदमपुर गांव की सीवर लाइन का काम होगा। इस अवसर पर उनके साथ रणधीर पनिहार, जयवीर गिल, विनोद येलावादी, मुनीश येलावाडी, पवन जैन, सुकरम तेलनवाली सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।

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