कृषि मंत्री के दावे के बावजूद एमएसपी पर खरीद शुरू नहीं कर पाई सरकार : अनुराग ढांडा 20 सितंबर से बाजरे और धान की खरीद के दावे हुए हवा हवाई : अनुराग ढांडा बाजरे और धान की आवक के बावजूद मंडियों में सरकारी खरीद की नहीं कोई व्यवस्था : अनुराग ढांडा पहले मौसम की मार और अब सरकारी देरी से परेशान किसान : अनुराग ढांडा प्रदेशभर की मंडियों में बाजरे और धान खरीद को लेकर कोई व्यवस्था नहीं : अनुराग ढांडा रोहतक/ चंडीगढ़, 20 सितंबर – आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने बुधवार को बयान जारी कर धान और बाजरे की सरकारी खरीद शुरू न होने पर गठबंधन सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने 20 सितंबर से धान और बाजरे की सरकारी खरीद शुरू करने की बात कही थी। लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से सरकारी खरीद शुरू नहीं की गई है। जिससे किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। यदि सरकार ने जल्द ही बाजरे और धान की एमएसपी पर खरीद शुरू नहीं की तो आम आदमी पार्टी नेता प्रदेशभर की मंडियों का दौरा करेंगे और खट्टर सरकार के खिलाफ किसानों को जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि मंडियों में बाजरे और धान की आवक शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं होने के चलते किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं मिल पा रहा। किसान प्राइवेट कंपनियों को एमएसपी से कम रेट पर फसल बेचने को मजबूर हैं। पहले बाढ़, फिर बारिश और अब सरकारी खरीद में लेटलतीफी के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जो फसल प्रदेश की मंडियों में पहुंच रही है। उससे प्राइवेट कंपनियां किसानों से औने पौने दामों पर खरीद रहे हैं। जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 200 से 500 रुपये तक प्रति क्विंटल तक का नुकसान हो रहा है। जिस कारण किसानों का खर्च भी नहीं निकल रहा है। उन्होंने कहा कि इससे साफ नजर आता है कि खट्टर सरकार किसान विरोधी सरकार है। ये केवल किसानों के हितैषी होने का झूठा दिखावा करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और जजपा सरकार किसानों को न एमएसपी दे पा रही है और न ही समय पर मुआवजा। सरकार की तरफ से केवज कागजी दावे किए जा रहे हैं, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश में मंडियों की हालत पर सवाल उठाते हुए कहा कि मंडियों की हालत भी खराब है। जहां कैथल की मंडी में पानी भरा है, वहीं यमुनानगर में मंडियों की चारदीवारी भी नहीं है। जिसके कारण आवारा पशु फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद शुरु नहीं होने से किसानों को मौसम का डर भी सता रहा है। उनहोंने कहा कि मंडियों में बाजरा, धान की विभिन्न किस्मों की आवक शुरू हो चुकी है। वहीं अभी तक ट्रांसपोर्ट और धान खरीद को लेकर पॉलिसी की स्थिति भी साफ नहीं है। सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण प्राइवेट खरीदार औने पौने दामों पर खरीद कर किसानों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। यदि जल्द सरकारी एजेंसियां खरीद शुरू नहीं करती तो किसानों को बड़ा नुक्सान उठाना पड़ेगा। उन्होंने खट्टर सरकार से जल्द से जल्द बाजरे और धान की सरकारी खरीद शुरु करने की मांग की। Post navigation महिला आरक्षण बिल पर अगर सरकार की मंशा सही है तो फिर 2029 तक इंतजार क्यों – दीपेंद्र हुड्डा राजीव गांधी का सपना था महिला आरक्षण : कुमारी सैलजा