– अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में कृषि मंत्री ने आस्ट्रेलिया, फ्रांस व इजराइल से पहुंचे वैज्ञानिकों से की चर्चा।

17 सितंबर, हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में 10 दिवसीय अंतराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का आयोजन एन.ए.एच.ई.पी-आई.डी.पी प्रोग्राम के तहत डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी एवं प्लांट फिजियोलॉजी द्वारा किया जा रहा है, जिसका मुख्य विषय ‘‘बेहतर फसल प्रजनन के लिए फिजियोलॉजी, फिनोमिक्स और जीनोमिक्स का अनुप्रयोग’’ है। इस कार्यशाला के दौरान हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्री जेपी दलाल बतौर मुख्यातिथि व संरक्षक के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज उपस्थित रहें। इस कार्यशाला में पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. के.डी. शर्मा व नीरज कुमार है, जबकि डॉ. विनोद गोयल इस कार्यशाला के आयोजक सचिव रहे। इस कार्यशाला में आस्ट्रेलिया से डॉ. सूर्यकांत, इजराल से डॉ. राईबिन डेविड व फ्रांस से डॉ. पेजमान रस्टी व डॉ. रोमन फर्नेडेज पहुंचे तथा अपने-अपने विषयों में व्याख्यान दिए।

हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्री जेपी दलाल, विदेश से आए विशेषज्ञों, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों से विस्तृत चर्चा की व विश्व स्तर के संस्थानों में चल रही नवीनतम तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय की सराहनी की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आजकल आर्टीफिशियल इंटिलेजेंसी (ए. आई) का जमाना है। उसके लिए हमें अच्छे मास्टर ट्रेनरों व विशेषज्ञों को तैयार करने की जरूरत है, जिससे इस तकनीक के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिक्षित किया जा सकें। उन्होंने कार्यशाला में भाग ले रहे विद्यार्थियों से भी चर्चा करते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थी योग्य व मेहनती है। ऐसी कार्यशाला से उनको अंतराष्ट्रीय मंच मिलता है। उन्होंने हमारे देश में बन रही उच्च स्तर की तकनीकें जैसे कोविड काल में बनी वैक्सीन व अभी हाल ही में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग का जिक्र करते हुए कहा कि कम लागत व उच्च स्तर की तकनीकें दूसरे देशों को आकर्षित कर रही हैं और यह हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उद्देश्य ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ को सफल कर रही है।

विश्वविद्यालय की अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और मजबूत हो रही है : प्रो. बी.आर. काम्बोज

– गत वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा लगभग 100 विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विश्व के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में भेजा गया है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने विश्वविद्यालय में न केवल विदेशी तकनीकों को यहां लाया जा रहा है बल्कि यहां की उच्च स्तर की तकनीकों से दूसरे देश भी लाभन्वित हो रहे हैं। विश्वविद्यालय लगातार किसानों के आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है, जिसके लिए विश्वविद्यालय ऐसी तकनीकों को अपना रहा है, जिसमें कम समय में उन्नत तकनीकें विकसित की जा सकें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा व कृषि क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष में लगभग 100 विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विश्व के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में भेजा गया है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां ज्यादातार विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं, उन्हें विश्वविद्यालय अंतराष्ट्रीय मंच प्रदान करते हुए विदेशों में बेहतरीन शोध संस्थानों में भविष्य के लिए शोध कार्य करने के लिए भेज रहा है। साथ ही दूसरे देशों के विद्यार्थी भी हमारे यहां शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं।

विदेशी विशेषज्ञों ने हकृवि के विद्यार्थियों को फ्रांस, इजराइल व आस्ट्रेलिया आने का दिया न्यौता

इस चर्चा के दौरान इजराइल से आए डॉ. राईबिन डेविड व फ्रांस से आए डॉ. पेजमान ने कृषि विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां अंतराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं है। उन्होंने बताया कि यहां के विद्यार्थी बहुत ही मेहनती व जिज्ञासी है। विदेशों से आए विशेषज्ञों ने विश्वविद्यालय में हो रही उच्च स्तर की शिक्षा व शोध कार्य और सुविधाओं से परिपूर्ण से प्रभावित होकर कुलपति से कहा कि आप यहां के विद्यार्थियों को आर्टीफिशियल इंटिलेजेंसी जैसी उच्च तकनीकों को सीखने के लिए न्यौता दिया। विश्वविद्यालयों की सुविधाओं को देखकर उदयपुर से आए प्रतिभागी ने कहा कि काश मेरा भी दाखिला यहां हो पाता।

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