चंडीगढ़, 15 सितंबर – हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से सोसायटी/आढ़तियों के लिए कमीशन दरों पर पुनर्विचार और संशोधन करने का आग्रह किया है। इस संबंध में जल्द बैठक आयोजित करने का भी अनुरोध किया है।

हरियाणा के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने उपरोक्त विषय के संबंध में सचिव, खाद्य आपूर्ति, भारत सरकार को एक अर्ध-आधिकारिक पत्र में लिखा है। पत्र में उन्होंने 24 फरवरी, 2020 के एक पत्र में उल्लिखित संशोधित खरीद सिद्धांतों के अनुरूप सोसायटी/आढ़तियों के लिए कमीशन दरों में संशोधन बारे आग्रह किया है।

डॉ सुमिता मिश्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री से गेहूं/धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोसायटी/आढ़तियों के लिए 2.5 प्रतिशत कमीशन दरों पर विचार करने का अनुरोध किया था। रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2020-21 के बाद से भारत सरकार की ओर से इन दरों में वृद्धि नहीं की गई थी।

उन्होंने जानकारी दी कि 3 नवंबर, 2022 के पत्र के अनुसार 24 फरवरी, 2020 के पत्र में उल्लिखित खरीद सिद्धांतों के अनुसार सोसायटी/आढ़तियों के लिए कमीशन दरों की जांच करने के लिए एफसीआई के कार्यकारी निदेशक (उत्तरी) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने इस मामले में राज्य सरकारों को समिति के साथ सहयोग करने और अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने की सलाह दी थी।

तदानुसार, हरियाणा सरकार ने भारत सरकार के 24 फरवरी, 2020 के पत्र के निर्देशानुसार कमीशन को एमएसपी से अलग करने के बाद तय की गई दर के बजाय सोसायटी/आढ़तियों के लिए एमएसपी पर 2.5 प्रतिशत कमीशन दरों के साथ अपना प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। जोकि गेहूं के लिए 46 रुपये प्रति क्विंटल और धान के लिए 45.88 रुपये प्रति क्विंटल है, जो आरएमएस/केएमएस 2020-21 से आज तक और बाद के सीज़न के लिए प्रभावी है।

24 फरवरी, 2020 के पत्र में उल्लिखित संशोधित खरीद नीति (पीपीआई) के अनुसार, समिति को हर तीन साल में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) को सोसायटी/आढ़तियों के लिए कमीशन दरों में संशोधन के लिए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। हालांकि, हरियाणा सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद, मुद्रास्फीति या मूल्य सूचकांक में उतार-चढ़ाव के समायोजन के बिना, सोसायटी/आढ़तियों के लिए कमीशन दरें 2019-20 के खरीद सीज़न से स्थिर बनी हुई हैं। इससे राज्य के आढ़तियों में असंतोष की भावना है।

डॉ सुमिता मिश्रा ने पत्र के माध्यम से इस मामले पर विचार-विमर्श करने के लिए उपरोक्त समिति की बैठक शीघ्र बुलाने का भी अनुरोध किया है। इसके अलावा, यह भी प्रस्ताव किया गया है कि केंद्रीय पूल के लिए खाद्यान्न की खरीद में हरियाणा राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए खाद्य सचिव, हरियाणा सरकार को इस समिति में शामिल किया जाए।

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