नूंह हिंसा में मुख्यमंत्री खट्टर अपनी व अपने सीएमओ की भूमिका की जांच से क्यों बचना चाहते है : विद्रोही

कांग्रेस पर नूंह हिंसा का ठीकरा फोडने के लिए कांग्रेस विधायक मामन सिंह के विधानसभा में छह माह पुराने दिये भाषण केे एक अंश को आधार बनाकर उनकी गिरफ्तारी : विद्रोही
महत्वपूर्ण सवाल यह है कि नूंह हिंसा के लिए गठित पुलिस एसआईटी क्या मुख्यमंत्री व उनके कार्यालय की भूमिका और खुफिया विभाग के डीजी की भूमिका की जांच करने में सक्षम है? विद्रोही

16 सितम्बर 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार प्रायोजित नूंह हिंसा का ठीकरा सत्ता दुरूपयोग से कांग्रेस पर फोड़कर भाजपा-जजपा सरकार, मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व हरियाणा पुलिस अपनी जबावदेही से भागकर नूंह हिंसा का सत्य छिपाने का असफल कुप्रयास कर रही है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पर नूंह हिंसा का ठीकरा फोडने के लिए कांग्रेस विधायक मामन सिंह के विधानसभा में छह माह पुराने दिये भाषण केे एक अंश को आधार बनाकर उनकी गिरफ्तारी से साफ है कि नूंह हिंसा में मुख्यमंत्री खट्टर अपनी व अपने सीएमओ की भूमिका की जांच से बचना चाहते है। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि नूंह हिंसा के लिए गठित पुलिस एसआईटी क्या मुख्यमंत्री व उनके कार्यालय की भूमिका और खुफिया विभाग के डीजी की भूमिका की जांच करने में सक्षम है? जब नूंह जिला निरीक्षक सीआईडी एक स्टिंग आपरेशन में हिडन कैमरे के सामने खुद कह रहे है कि ब्रजमंडल यात्रा में नूंह में हिंसा संभव है, इसकी रिपोर्ट हिंसा से एक सप्ताह पूर्व उन्होंने हरियाणा खफिया विभाग को भेजी थी।  

विद्रोही ने सवाल किया कि उक्त रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, सीआईडी, एडीजीपी ने कोई कार्रवाई क्यों नही? इसकी जांच क्या एक एसआईटी करने में समक्ष है? कांग्रेस पहले ही दिन से विधानसभा व विधानसभा के बाहर मांग कर रही है कि नूंह हिंसा के कर्ता-धर्ताओं को बेनकाब करने व नूंह हिंसा के सभी जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए यह आवश्यक है कि स्वतंत्र-निष्पक्ष जांच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की निरागनी में हो। सवाल उठता है कि कांग्रेस की इस मांग को स्वीकारने में मुख्यमंत्री खट्टर क्यों भाग रहे है? निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच से वही भागता है जो स्वयं हिंसा की साजिश में संलिप्त हो। नूंह हिंसा तो यही बताती है कि यह हिंसा प्रायोजित थी और भाजपा सरकार ने धु्रवीकरण की राजनीति के लिए जान-बूझकर खुफिया इनपुट व सोशल मीडिया में दिये जा रहे संदेशों की उपेक्षा करके पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नही की ताकि नूंह में साम्प्रदायिक हिंसा हो और भाजपा उसका चुनावी लाभ उठा सके।

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस विधायक मामन सिंह की गिरफ्तारी साफ बता रही है कि भाजपा-जजपा सरकार नूंह हिंसा के सत्य को छिपाकर जाट आरक्षण की हिंसा की तरह ही नूंह हिंसा पर भी अपनी जवाबदेही व स्वतंत्र-निष्पक्ष जांच से भाग रही है ताकि संघी साजिशकर्ता को बचाया जा सके। 

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