हरियाणा सरकार ने आई.एम.टी. मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहित जमीन के मामले के समाधान हेतु नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 बनाई

मुख्यमंत्री ने नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 पोर्टल का किया शुभारंभ
मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन गांवों के भू-मालिकों को मिलेगी राहत
एचएमजाआईएस पोर्टल का किया शुभारंभ, नये वर्जन से आएगी अधिक पारदर्शिता, अवैध खनन पर लगेगी रोक

चंडीगढ़, 13 सितंबर- हरियाणा सरकार ने वर्ष 2011 में जिला गुरुग्राम की तहसील मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन में आई. एम. टी. मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहित जमीन के मामले के समाधान हेतु नो-लिटिगेशन पॉलिसी–2023 बनाई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 पोर्टल का शुभारंभ किया है। इसका उद्देश्य उन भूमि मालिकों को लाभ प्रदान करना है जिनका नाम जिला गुरुग्राम की तहसील मानेसर के गांव कासन, कुकरोला और सहरावन की राजस्व संपदा में है तथा अवार्ड संख्या 1, 2 और 3 दिनांक 16 अगस्त, 2022 द्वारा घोषित अवार्ड की तिथि पर उनकी भूमि रिकॉर्ड में दर्ज है।

मुख्यमंत्री आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर खनन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त भू म‌ालिक इस पोर्टल पर आवेदन करके इस नीति का लाभ उठा सकते हैं। इस नीति में शर्त यह है कि भूस्वामी 16 अगस्त, 2022 को घोषित अवार्ड के अनुसार मुआवजा स्वीकार करने के बाद अपनी भूमि के अधिग्रहण को चुनौती नहीं देंगे, और इन अवार्ड्स में घोषित मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग नहीं करेंगे। वे किसी भी अदालत में चल रहे इस भूमि से सम्बन्धित सभी मामले वापस ले लेंगे। उन्होंने बताया कि इस भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना भूमि अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत 10 जनवरी, 2011 को अधिसूचित की गई थी।

मुआवजा राशि के अतिरिक्त भूमि मालिकों के लिए लाभ

श्री मनोहर लाल ने भू मालिकों को मुआवजा राशि के अतिरिक्त दिये जाने वाले लाभों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अधिग्रहीत प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1,000 वर्ग मीटर के आनुपातिक आधार पर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड आवंटित किया जाएगा। आवंटन की दर पहली फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर होगी। साथ ही, आवंटित किये जाने वाले विकसित आवासीय प्लॉट का मानक आकार 100 और 150 वर्गमीटर है। इसी प्रकार विकसित औद्योगिक भूखंडों का मानक आकार 450 वर्गमीटर है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि भूमि पात्रता प्रमाण पत्र योजना बंद होने से तीन महीने की अवधि के भीतर जारी किया जाएगा। भूमि मालिकों या भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को भूमि पात्रता प्रमाण पत्र को खरीदने या बेचने की स्वतंत्रता होगी। उन्होंने बताया कि भूस्वामी 33 वर्ष की अवधि के लिए 21,000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के वार्षिक भुगतान के भी हकदार होंगे। उन्होंने बताया कि भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारक के अनुरोध पर नोडल एजेंसी बाय-बैंक दर पर वैध भूमि पात्रता प्रमाण पत्र वापस खरीदेगी।

एचएमजाआईएस पोर्टल का किया शुभारंभ, नये वर्जन से आएगी अधिक पारदर्शिता, अवैध खनन पर लगेगी रोक

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए चलाई जा रहे ई-रवाना पोर्टल के स्थान पर एचएमजाआईएस पोर्टल का शुभारंभ किया। इस नये वर्जन में और अधिक पारदर्शिता आएगी तथा खनन संबंधी शिकायतों पर रोक लगेगी। उन्होंने बताया कि पहले धर्मकांटा की मैनुअल एंट्री होती थी, जोकि अब स्वतः ही हो जाएगी। इससे गलत कांटे की एंट्री होने के कारण गलत ई-रवाना कटने पर अंकुश लगेगा। साथ ही, इस नये पोर्टल को राजस्व के साथ भी जोड़ा गया है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व में वृद्धि होगी और अवैध खनन पर भी रोक लगेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्तायुक्त, राजस्व श्री टीवीएसएन प्रसाद, हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, खनन एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरूण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जन संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक श्री अजीत बालाजी जोशी, चकबंदी एवं भू- रिकॉर्ड विभाग की निदेशक आमना तसनीम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!