मुख्यमंत्री ने दयालु योजना के लाभार्थियों को जारी की सांत्वना राशि563 लाभार्थियों के खातों में सीधे पहुंची 21 करोड़ 38 लाख रुपये की राशि चंडीगढ़, 13 सितंबर – हरियाणा सरकार द्वारा अंत्योदय परिवारों को सामाजिक-वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु), ऐसे परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज इस योजना के तहत अंत्योदय परिवारों के सदस्यों की मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता होने की स्थिति में ऐसे परिवारों को सांत्वना राशि प्रदान करते हुए 563 लाभार्थियों को 12.38 करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में पहुंचाई। मुख्यमंत्री आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर खनन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 1 लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवार के सदस्य की मृत्यु या 70 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग होने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती। इस योजना का क्रियान्वयन हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास द्वारा किया जा रहा है। इससे पहले 223 लाभार्थियों के खातों में 6 करोड़ रुपये की राशि डाली गई थी।उन्होंने बताया कि दयालु योजना के तहत विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार लाभ दिया गया है। 6 से 12 वर्ष आयु तक के लिए 1 लाख रुपये, 12 से अधिक व 18 वर्ष तक 2 लाख रुपये, 18 से अधिक व 25 वर्ष तक 3 लाख रुपये, 25 से अधिक व 45 वर्ष तक 5 लाख रुपये, 45 से अधिक व 60 वर्ष तक 3 लाख रुपये की राशि दी जाती है। इस लाभ में 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) या विभिन्न विभागों द्वारा संबंधित वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि भी शामिल है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्तायुक्त, राजस्व श्री टीवीएसएन प्रसाद, हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, खनन एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरूण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जन संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक श्री अजीत बालाजी जोशी, चकबंदी एवं भू- रिकॉर्ड विभाग की निदेशक आमना तसनीम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation मुख्यमंत्री ने की पीपीपी के माध्यम से प्रो-एक्टिव ओबीसी प्रमाण पत्र की शुरुआत मुख्यमंत्री ने सरकारी खरीद प्रक्रिया को बनाया पूर्ण रूप से पारदर्शी