– रिकॉर्ड 3,14,216 मामलों का निपटारा किया गया चंडीगढ़ , 10 सितम्बर – हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने कल 9 सितम्बर को पूरे हरियाणा में वर्ष 2023 की “तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत” का आयोजन किया जिसमें पूर्व मुकदमेंबाजी और लंबित दोनों चरणों के कुल 3,14,216 मामलों का निपटारा किया गया। इस दौरान पक्षकारों के बीच 9,52,27,50,915 रुपए की कुल राशि का निपटान हुआ। यह हरियाणा राज्य में अब तक आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाए गए मामलों में सबसे अधिक संख्या है। प्राधिकरण के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हरियाणा के 22 जिलों और 34 उपमंडलों में किया गया जिसमें सिविल, आपराधिक, वैवाहिक, बैंक वसूली, एम0ऐ0सी0टी0, छोटे अपराध, सारांश, यातायात चालान, एन0आई0 एक्ट आदि से संबंधित कई मामले उठाए गए। इसमें एडीआर केंद्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं) के मामले भी शामिल हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादकारियों को अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन, माननीय न्यायमूर्ति श्री अरुण पल्ली, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ श्री सुभाष मेहला, सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, डॉ. कविता कम्बोज, संयुक्त सदस्य सचिव, हालसा, उच्च न्यायालय के अन्य अधिकारी और हालसा के अन्य सहायक कर्मचारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोक अदालतों की निगरानी की। माननीय न्यायमूर्ति ने लोक अदालत पीठों के साथ-साथ पक्षकारों से भी बातचीत की और पीठों को दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए न्यायपीठों को शुभकामनाएँ दी गई तथा उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों का निपटारा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों, बैंक अधिकारियों, बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों, बार सदस्यों, अदालतों के सहायक कर्मचारियों और अन्य निजी कर्मचारियों की भी राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के प्रयासों के लिए सराहना की गई। इस पर भी जोर दिया गया कि लोक अदालत बिना किसी अतिरिक्त लागत या शुल्क के पार्टियों पर बाध्यकारी मामलों के त्वरित और अंतिम सहमति पूर्ण निपटान को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति है। लोक अदालतें न केवल लंबित विवाद या पार्टियों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों को सुलझाती हैं, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव को भी सुनिश्चित करती है क्योंकि विवाद के पक्षकारान अपने मामलों को अपनी पूर्ण संतुष्टि के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाते हैं। उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 1,51,834 पूर्व-मुकदमेबाजी स्तर के मामलों को लिया गया जिनमें से 1,22,969 मामलों को निपटाया गया और इनमे 7,74,05,69,479 रुपए की कुल राशि का निपटान किया गया। इसके अलावा, 2,60,518 लंबित मामलों को लिया गया और इनमें से 1,91,247 मामलों में निर्णय कर दिया गया तथा कुल राशि 1,78,21,81,436 रुपए का निपटान किया गया। Post navigation सीआईएसएफ इंटर-सेक्टर हॉकी चैंपियनशिप चंडीगढ़ में हुई शुरू आत्महत्या निवारण में परिवार की है सबसे महत्वपूर्ण भूमिका