सैनिक स्कूल गोठडा-पाली में अव्यवस्थाएं होने का यह साईड इफेक्टस है कि शुक्रवार को एक ग्याहरवी के छात्र ने होस्टल ही तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली : विद्रोही 
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व उनकी भाजपा सरकार अहीरवाल के लोगों को जुमलेबाजी से ठगती है, पर विकास कार्यो को पूरा करने के लिए विगत 9 सालों से अहीरवाल के साथ भेदभावपूर्ण सौतेला व्यवहार कर रही है : विद्रोही

9 सितम्बर 2023  – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर सरकार दक्षिणी हरियाणा-अहीरवाल के विकास कार्यो, शैक्षणिक संस्थानों के विकास, नागरिक सुविधा, आधारभूत ढांचा के लिए जरा भी गंभीर नही है। विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व उनकी भाजपा सरकार अहीरवाल के लोगों को जुमलेबाजी से ठगती है, पर विकास कार्यो को पूरा करने के लिए विगत 9 सालों से अहीरवाल के साथ भेदभावपूर्ण सौतेला व्यवहार कर रही है। भाजपा सरकार के इस सौतेले व्यवहार का ही परिणाम है कि 9 साल से पर्याप्त बजट न मिलने से सैनिक स्कूल गोठडा-पाली का भवन निर्माण पूरा नही हुआ और आधे-अधूरे भवन में इस वर्ष सैनिक स्कूल शिफ्ट कर दिया। इसमें न तो शिक्षा का उचित माहौल है और न ही सैनिक स्कूल में पढ़ रहे छात्रों व पढ़ाने वाले शिक्षकों व अन्य स्टाफ के लिए पर्याप्त आधारभूत ढांचा और न ही अच्छा माहौल है। सैनिक स्कूल गोठडा-पाली में अव्यवस्थाएं होने ही यह साईड इफेक्टस है कि शुक्रवार को एक ग्याहरवी के छात्र ने होस्टल ही तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।  

विद्रोही ने कहा कि एक होनहार छात्र को सैनिक स्कूल में व्याप्त कुव्यवस्थाओं के कारण आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ा जिसका उल्लेख उसने अपने सुसाईड नोट में भी किया है। सवाल उठता है कि जब सैनिक स्कूल गोठडा-पाली भवन परिसर का 50 प्रतिशत निर्माण हिस्सा पूरा नही हुआ, स्कूल में नागरिक सुविधाएं व शिक्षण संस्थान के लिए पर्याप्त ढांचा उपलब्ध नही है, फिर आधे-अधूरे परिसर में सैनिक स्कूल को ऐसे भवन में शिफ्ट क्यों किया जिसके चलते एक होनहार छात्र को आत्महत्या करने तक को मजबूर होना पड़ा। सैनिक स्कूल गोठडा-पाली के छात्र जतिन की आत्महत्या के लिए जितना सैनिक स्कूल का प्रशासन जिम्मेदार है, उतनी ही जवाबदेही भाजपा-खट्टर सरकार की भी जिसने विगत 9 सालों में इस सैनिक स्कूल के भवन निर्माण के लिए जान-बूझकर पर्याप्त बजट नही दिया जिसके चलते इस सैनिक स्कूल में अव्यवस्थाओं का आलम है।  

विद्रोही ने कहा किे यही स्थिति दस वर्ष पूर्व बनी इंदिरा गांधी मीरपुर यूनिवर्सिटी की है जहां पर्याप्त बजट न मिलने से यह विश्वविद्यालय अपना पर्याप्त व आवश्यक विकास नही कर सका। कांग्रेस राज में घोषित रक्षा विश्वविद्यालय बिनौला में मोदी सरकार ने विगत 9 सालों में निर्माण के नाम पर एक ईंट भी नही लगाई। दस वर्ष बाद भी भक्त फूलसिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर के कृष्णनगर स्थित रीजनल सैंटर के भवन का निर्माण पूरा नही हुआ। छह वर्ष पूर्व रेवाडी मेें शुरू हुए राजकीय ब्यायज कालेज भवन निर्माण के लिए जगह तक नही मिली। चार कमरो में यह कालेज चलने कीे बजाय छह साल से घिसट रहा है।

माजरा एम्स का निर्माण कब होगा और जमीन पर आकार कब लेगा, कोई नही जानत। विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल-रेवाडी के इन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के प्रति भाजपा खट्टर सरकार का सौतेला भेदभावपूर्ण व्यवहार बताता है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर राजनीतिक कारणों से अहीरवाल से कितना द्वेष रखते है। अहीरवाल के लोग समझ ले कि भाजपा उनकी हितैषी नही अपितु पिछडा वर्ग विरोधी ऐसी पार्टी है जो इस क्षेत्र के किसान, मजदूर, कमेरे वर्ग की कभी हितैषी हो ही नही सकती। 

error: Content is protected !!