हरियाणा राज्य पिछड़ा आयोग ले रहा है सुझाव

चंडीगढ़, 5 सितंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल  की पहल पर सरकार ने समाज के ट्रांसजेंडर वर्ग के लोगों को भी सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने की शुरुआत करने जा रही है। इस कड़ी में पिछड़ा आयोग इस श्रेणी के लोगों से सीधा संवाद कर सुझाव ले रहा है। शीघ्र ही आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप देगा। हरियाणा राज्य पिछड़ा आयोग के चेयरमैन जस्टिस दर्शन सिंह ने आयोग के सदस्य डॉ. एस के गक्खड़ व श्री श्यामलाल जांगड़ा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारियों व ट्रांसजेंडर वर्ग के लोगों के साथ बातचीत कर सुझाव मांगे। 

भिवानी की ट्रांसजेंडर तेजस्या महंत का सुझाव था कि जिस तरह हर नर-नारी के लिए सरकारी सुविधाएं मिलती हैं उसी प्रकार ट्रांसजेंडर वर्ग को भी सरकारी सुविधाएं मिलनी चाहिए। समाज को भी हमारे प्रति मानसिकता बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महंत व फकीर की कोई जाति नहीं होती।  सरकार की ट्रांसजेंडर वर्ग को भी आरक्षण देने की शुरुआत करने के लिए सुझाव माँगना एक अच्छी पहल है। फरीदाबाद के सार्थक शर्मा, चरखी दादरी के लक्ष्य, गुरुग्राम के गुर अनजान सिंह का कहना था कि लोगों की ट्रांसजेंडर के प्रति मानसिकता में बदलाव लाने के लिए प्रारंभ से ही स्कूली पाठ्यक्रम ट्रांसजेंडर के बारे में जानकारी होनी चाहिए।   

उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडरों के प्रमाण पत्रों में नाम सुधार के लिए विश्वविद्यालयों में कई -कई वर्ष लग जाते हैं। जिला कार्यालय में सेक्शन – 6 का प्रमाण पत्र मिल जाता है परंतु सेक्शन-7 का प्रमाण पत्र विलंबता से मिलता है। इसके अलावा सरकारी नौकरी के लिए जब आवेदन किया जाता है, तो उनका आवेदन रद्द हो जाता है इसलिए आवेदन फार्म में महिला/पुरुष लिंग श्रेणी के साथ -साथ ट्रांसजेंडरों की श्रेणी का ऑप्शन होना चाहिए। 

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