परियोजना में लगे कर्मियों के सामने खड़ा हो गया है रोजी रोटी का संकट

गुडग़ांव, 4 सितम्बर (अशोक) : एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने गुरुग्राम स्ट्रीट लाइट परियोजना के लिए गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) के साथ अपने समझौते को समाप्त करने की घोषणा की है। क्योंकि गुरुग्राम नगर निगम, ईईएसएल को भुगतान नहीं कर पा रहा था, जिसकी वजह से कंपनी ने यह फैसला किया है।

स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 की 5 जनवरी को लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य पूरे भारत में पारंपरिक स्ट्रीट लाइट्स को स्मार्ट और ऊर्जा-कुशल एलईडी स्ट्रीट लाइट्स से बदलना था। ईईएसएल इस पहल में सबसे आगे रहा है। कंपनी ने देश भर में 1.32 करोड़ से अधिक एलईडी स्ट्रीट लाइट्स सफलतापूर्वक स्थापित की है, जिसके कारण ऊर्जा की पर्याप्त बचत, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी और नगर निगमों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व की बचत हुई है।

गुरुग्राम में स्ट्रीट लाइटिंग परियोजना के लिए, ईईएसएल और एमसीजी के बीच एमओयू पर 10 अक्टूबर 2017 को हस्ताक्षर किए गए थे। जिसके तहत यह प्रावधान था कि एमसीजी एलईडी स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना के लिए अग्रिम भुगतान करेगा। ईईएसएल ने मार्च 2018 में काम शुरू किया और एमसीजी से भुगतान नहीं मिलने के बावजूद जनहित में अगस्त 2018 तक 55 हजार लाइट्स स्थापित की। एमसीजी ने पहले चरण की स्थापना के एक वर्ष से अधिक समय बाद आंशिक भुगतान किया था। इस कार्य का ठेका शांति इलेक्ट्रिक कंपनी को दिया गया था।

ईईएसएल ने गुरुग्राम में लगभग 82 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट्स और लगभग 800 केंद्रीय नियंत्रित और निगरानी प्रणाली (सीसीएमएस) स्थापित की है। हालांकि एमसीजी ने लगातार भुगतान नहीं किया, इसके बावजूद कंपनी ने 98 प्रतिशत से अधिक का प्रभावशाली अपटाइम बनाए रखा। 31 जुलाई, 2023 तक एमसीजी का कुल बकाया 21.08 करोड़ रुपए था, जिसमें 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त विलंबित भुगतान ब्याज जुर्माना भी शामिल है।

ईईएसएल के प्रवक्ता का कहना है कि ईईएसएल ने एमसीजी अधिकारियों को बकाया चुकाने के लिए बार-बार कहा, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। इन चुनौतियों के बावजूद ईईएसएल ने अपनी प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखा और पिछले 5 वर्षों में गुरुग्राम के लिए 35 करोड़ रुपये की पर्याप्त लागत बचत की है। एमसीजी अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रही, जिसके कारण परियोजना अस्थिर हो गई है। ईईएसएल ने 21 जून 2023 को एमसीजी को एक औपचारिक भुगतान
डिफ़ॉल्ट नोटिस जारी किया। जिसके तहत 30 दिन की क्योर अवधि प्रदान की गई।

हालांकि, एमसीजी ने न तो डिफ़ॉल्ट को मंजूरी दी और न ही भुगतान के लिए कोई समय सीमा प्रदान की। नतीजतन, ईईएसएल के पास टर्मिनेशन नोटिस देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। प्रवक्ता का कहना है कि गुरुग्राम नगर निगम समझौतों के अनुसार अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहा है। परिणामस्वरूप, अनुबंध 2 सितंबर, 2023 से स्वत: समाप्त हो गया। ईईएसएल अब गुरुग्राम में स्ट्रीट लाइटिंग रखरखाव के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। ईईएसएल अब नगर निगम प्रशासन से डिफ़ॉल्ट भुगतान की वसूली के लिए कानूनी तरीकों की मदद लेगा।

उधर शांति इलेक्ट्रिकल कंपनी के प्रोपराईटर ललित पाराशर का कहना है कि समझौता समाप्त हो जाने के बाद स्ट्रीट लाईट में लगे करीब एक हजार कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। कंपनी की ओर से उन्हें भी नोटिस मिला है कि 2 सितम्बर से स्ट्रीट लाईटिंग के रखरखाव का काम बंद कर दें। उनका यह भी कहना है कि स्ट्रीट लाईट का काम बंद होने से करीब एक हजार कर्मचारियों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को इस ओर गंभीरता से सोचते हुए कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्ट्रीट लाईटिंग नेशनल प्रोग्राम को निर्विघ्र रुप से आगे भी चलाया जा सके।

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