मौसम बदलाव के कारण इस वर्ष बाजरे की फसल 20 दिन पूर्व ही बाजार में कटकर बिकने के लिए आ गई है हरियाणा सरकार किसानों की मांग अनुसार 15 से 20 सितम्बर से पूरे प्रदेश की मंडियों में बाजरे की एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू करके किसानों को लुटने से बचाये : विद्रोही बाजरे का प्रमोशन तो समझ में आता है, लेकिन बाजरा उत्पादक किसान की लूट बताती है कि मोदी सरकार की नीयत में ही खोट है : विद्रोही 4 सितम्बर 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आ रहे विश्व नेताओं को बाजरे के व्यंजन परोसने का स्वागत किया, पर बाजरे के व्यंजन परोसकर वाह-वाही लूटकर मीडिया हैडलाईन की सुर्खिया बटारने वाली मोदी सरकार को बाजरा उत्पादक किसान की बाजार में हो रही लूट के प्रति उदासीनता बताती है कि भाजपा-संघी सरकार की कथनी-करनी में दिन-रात का अंतर है। विद्रोही ने कहा कि बाजरा का प्रमोशन तो समझ में आता है, लेकिन बाजरा उत्पादक किसान की लूट बताती है कि मोदी सरकार की नीयत में ही खोट है। बाजरा उत्पादक किसान को ठगने के लिए बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूलय 2500 रूपये प्रति क्विंटल घोषित करके मोदी सरकार अपने मुंह मियां मि_ू तो बन रही है, लेकिन जब बाजरे का एमएसपी मंडियों में किसानों को दिलाने का सरकार प्रबंध ही नही करती तब एमएसपी घोषित करके वाह-वाही लूटना बाजरा उत्पादक किसानों को ठगना नही तो क्या है? हरियाणा के किसान संगठन भाजपा सरकार से मांग कर रहे है कि किसान को लुटने से बचाने के लिए 15 सितम्बर से बाजरे की सरकारी खरीद एमएसपी पर शुरू की जाये लेकिन भाजपा-जजपा सरकार इस मुद्दे पर मौन है। विद्रोही ने कहा कि 10-11 सितम्बर को दिल्ली में हो रही जी-20 बैठक में विश्व नेताओं को बाजरे के व्यंजन परोसने के नाम पर मोदी सरकार मीडिया हैडलाईन तो बना सकती है, पर इससे किसान को तब तक कोई लाभ नही मिलने वाला जब तक उसका बाजरा एमएसपी पर न खरीदा जाये। मौसम बदलाव के कारण इस वर्ष बाजरे की फसल 20 दिन पूर्व ही बाजार में कटकर बिकने के लिए आ गई है। हरियाणा की मंडियों में इस समय बाजरा 1600 से 1850 रूपये प्रति क्विंटल के भाव से .. है जबकि बाजरे का एमएसपी 2500 रूपये प्रति क्विंटल है। इस तरह बाजरा उत्पादक किसान को एमएसपी से 650 से 900 रूपये प्रति क्विंटल भाव कम दिया जा रहा है जो किसानों से खुली लूट है। विद्रोही ने मांग की कि हरियाणा सरकार किसानों की मांग अनुसार 15 से 20 सितम्बर से पूरे प्रदेश की मंडियों में बाजरे की एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू करके किसानों को लुटने से बचाये। मोदी सरकार को बाजरा प्रमोशन के नाम पर किसानों को जुमलेबाजी व मीडिया हैडलाईन से ठगने की बजाय घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीदने की पुख्ता व्यवस्था करने पर गंभीरता दिखानी चाहिए। Post navigation एचकेआरएम के माध्यम से आरएसएस के लोगों की भर्ती करने में लगी हुई है सरकार: कुमारी सैलजा अवैध निर्माण को बचाने के चक्कर में सरकार कर रही है जनता के पैसो का दुरूप्रयोग-विधायक नीरज शर्मा