वन नेशन-वन इलेक्शन की संभावना पर पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोबिंद जी की अध्यक्षता में बनी कमेटी के स्वरूप को देखकर अंधा भी सहज अनुमान लगा सकता है कि इस कथित कमेटी के निष्कर्ष क्या होंगे? विद्रोही
लोकसभा चुनावों से ठीक पूर्व असली मुद्दों से ध्यान भटकाने मोदी सरकार ने एकबार फिर वन नेशन-वन इलेक्शन का जुमला उछालकर मतदाता को ठगने जो जाल बुना है : विद्रोही
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे जी को इस कमेटी में रखने की बजाय कांग्रेस के गद्दार गुलाब नबी आजाद को इस कमेटी में रखकर मोदी सरकार ने भी अपनी नियत बेनकाब कर दी है : विद्रोही

3 सितम्बर 2023  – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि वन नेशन-वन इलेक्शन की संभावना पर पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोबिंद जी की अध्यक्षता में बनी कमेटी के स्वरूप को देखकर अंधा भी सहज अनुमान लगा सकता है कि इस कथित कमेटी के निष्कर्ष क्या होंगे? विद्रोही ने कहा कि लोकसभा चुनावों से ठीक पूर्व असली मुद्दों से ध्यान भटकाने मोदी सरकार ने एकबार फिर वन नेशन-वन इलेक्शन का जुमला उछालकर मतदाता को ठगने जो जाल बुना है, उसे हर भारतवासी अच्छी तरह से समझता है। इस 8 सदस्यीय कमेटी की लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदस्यता अस्वीकार करके पूरे देश को बता दिया कि विपक्ष मोदीजी के झांसे में आकर ऐसे किसी ऐसे ड्रामे का भाग नही बनेगा। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे जी को इस कमेटी में रखने की बजाय कांग्रेस के गद्दार गुलाब नबी आजाद को इस कमेटी में रखकर मोदी सरकार ने भी अपनी नियत बेनकाब कर दी है। जब प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को बदनाम करने संघी इशारे पर कठपुतली की तरह नाचने वाले गुलाम नबी आजाद जैसे लोग ऐसी महत्वपूर्ण कमेटी के सदस्य बनाये जायेंगे तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वयं प्रधानमंत्री मोदीजी व भाजपा-संघ सरकार वन नेशन-वन इलेक्शन के विचार के प्रति कितनी गंभीर व ईमानदार है।  

विद्रोही ने कहा कि भारत जैसे बहुदलीय, बहुलतावादी, विविधता से भरे लोकतांत्रिक देश में वन नेशन-वन इलेक्शन की सोच ही अव्यवहारिक है। वहीं इतने महत्वपूर्ण सवाल पर विपक्ष को विश्वास में लिए बिना एकतरफा ढंग सेे ऐसी कमेटी बना दी जिसमें न तो विपक्ष की पर्याप्त भूमिका है और न ही इस कमेटी, विचार के प्र्रति विपक्ष का विश्वास है। विपक्षी गठबंधन इंडिया व इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा मुम्बई बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 मिलकर लडने के संकल्प से घबराये मोदी जी अब जनता को भावनात्मक रूप से ठगकर ऐसे जुमलों से चुनावी वैतरणी पार करने के मंसूबे पाल रहे है। लेकिन देश की आम जनता मन बना चुकी है कि लोकसभा चुनाव में मोदी-भाजपा-संघ सरकार से देश को वोट की चोट से छुटकारा दिलाकर रहेंगे।  

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