रेलवे के मुताबिक, 9 सितंबर को 90 से ज्यादा ट्रेनें रद्द की गई हैं. वहीं इसके अगले दिन 10 सितंबर को भी 100 से ज्यादा यात्री ट्रेनें रद्द रहेंगी.
रेलवे के मुताबिक, जिन ट्रेनों को रद्द किया जाएगा, उनमें से अधिकतर ट्रेनें दिल्ली से हरियाणा के सोनीपत-पानीपत, रोहतक, रेवाड़ी और पलवल रूट पर चलती हैं. 
दिल्ली-रेवाड़ी एक्सप्रेस स्पेशल और रेवाड़ी-दिल्ली एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेनें 11 सितंबर को रद्द रहेंगी.

दिल्‍ली – जी-20 शिखर सम्‍मेलन को लेकर दिल्‍ली में तैयारियां अंतिम दौर में पहुंच रही हैं. हालांकि शिखर सम्‍मेलन का रेल यातायात पर व्‍यापक असर देखने को मिलेगा. नॉर्दन रेलवे ने बताया है कि दिल्‍ली से आने और जाने वाली करीब ढाई सौ ट्रेनों पर जी-20 का असर होगा. इसके चलते 207 ट्रेनों को कैंसिल करने का निर्णय लिया गया है. रेल यातायात पर यह असर 8 सितंबर से 10 सितंबर के मध्‍य देखा जाएगा. दिल्‍ली में जी-20 का शिखर सम्‍मेलन 9 और 10 सितंबर को होना है. 

नॉर्दन रेलवे के मुताबिक, 9 सितंबर को 90 से ज्यादा ट्रेनें रद्द की गई हैं. वहीं इसके अगले दिन 10 सितंबर को भी 100 से ज्यादा यात्री ट्रेनें रद्द रहेंगी. इसके साथ ही 15 ट्रेनों के टर्मिनल में बदलाव किया गया है. वहीं 6 ट्रेन अलग रूट से निकलेंगी यानी इनका मार्ग परिवर्तन किया गया है. इसके साथ ही 36 ट्रेनें ऐसी हैं, जो अपने गंतव्‍य से पहले के स्‍टेशनों तक ही जाएगी. 

रेलवे के मुताबिक, जिन ट्रेनों को रद्द किया जाएगा, उनमें से अधिकतर ट्रेनें दिल्ली से हरियाणा के सोनीपत-पानीपत, रोहतक, रेवाड़ी और पलवल रूट पर चलती हैं. इसके अलावा, दिल्ली-रेवाड़ी एक्सप्रेस स्पेशल और रेवाड़ी-दिल्ली एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेनें 11 सितंबर को रद्द रहेंगी.

साथ ही उस अवधि के दौरान जिन ट्रेनों का आगमन या प्रस्‍थान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से है, उनमें से कई ट्रेनें अब गाजियाबाद या हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों तक ही आएंगी या यहां से चलेंगी. 

नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन में समूह के इतिहास की “सबसे बड़ी भागीदारी” देखी जाएगी, जिसमें सदस्य देशों के नेताओं और आमंत्रित देशों के अतिथियों के प्रवास सहित मेगा कार्यक्रम के आयोजन की व्‍यवस्‍था की जाएगी. 

ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी20) में 19 देश शामिल हैं – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, अमेरिका, यूके और यूरोपीय संघ.

error: Content is protected !!