हिसार 30 अगस्त : हरियाणा सरकार द्वारा रक्षाबंधन के मौके पर सभी सरकारी व निजी बसों की सेवा महिलाओं के लिए नि:शुल्क की गई है।  इसके तहत हरियाणा प्रदेश में संचालित सभी स्टेज कैरिज बसों को 36 घंटे यानी 29 अगस्त  दोपहर 12:00 बजे से दिनांक 30.08.2023 रात्रि 12:00 बजे तक फ्री सफर की सौगात दी है। जिला हिसार के प्राइवेट बसों के प्रधान विवेक कुमार ने बताया कि इस दिन सरकारी बसों की संख्या न के बराबर रहती है और सारा भार प्राइवेट बसों को वहन करना पड़ता है। सरकार इसकी एवज में प्राइवेट बसों को कोई अनुदान भी नहीं देती जबकि पड़ौसी राज्य राजस्थान द्वारा इस तरह की घोषणा पर प्राइवेट बसों को अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जिस प्रकार से प्राइवेट बस संचालक अपनी ड्यूटी निष्ठापूर्वक निभाते हुए बसों को चला रहे हैं उसे देखते हुए सरकार को प्राइवेट बस संचालकों को अनुदान देना चाहिए ताकि वे अपनी सेवाएं अच्छे ढंग से दे सकें।

उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन के मौके पर सरकारी बस हर रोज संचालित बसों की मात्रा से कम बसें ही चली जिसके लिए पूर्ण रूप से हरियाणा सरकार जिम्मेवार है क्योंकि प्रदेश सरकार हर बार सुविधा देने की घोषणा तो कर देती है पर ना ही रोडवेज तथा ना ही प्राइवेट बसों के मालिक को इसके लिए अनुदान दिया जाता है और ऐसा ही सरकार सीइटी एक्जाम के समय तथा अन्य सरकारी आयोजनों पर करती है जबकि अन्य प्रदेशों में ऐसा नहीं किया जाता है सरकार की घोषणा करने पर उन्हें अनुदान दिया जाता है जैसे राजस्थान सरकार प्रत्येक बस को निशुल्क यात्रा पुनर्भरण मद से करती है  पर जहां तक हरियाणा राज्य परिवहन की बात है इससे रोडवेज कर्मचारी भी रोष में रहते हैं और वो बस नहीं चलाने का बहाना ढूंढ कर बसों को इमर्जेन्सी में चलाने के नाम पर बस स्टैंड में ही खड़ी रखते हैं।

प्रधान विवेक कुमार जबकि सरकार कई करोड़ का रोडवेज बसों का घाटा वहन करती है किंतु प्राइवेट बसों को किसी प्रकार की सहायता नहीं की जाती। यह पूर्णतया अनैतिक है तथा कानूनी तौर पर गलत है। एक और व्यवस्था न बनने के कारण लोग भी परेशान होते हैं और फ्री सुविधा का सरकार का मकसद भी पूरा नहीं हो पाता। वहीं प्राइवेट बसों को प्रतिदिन बहुत से खर्च करने होते हैं जैसे डीजल, टैक्स, स्टाफ एक्सपेंस, मेंटेनेंस, टोल टैक्स, इत्यादि पर ना ही परिवहन विभाग और ना ही हरियाणा सरकार इस और ध्यान देती है जिसके लिए कई बार उनके संज्ञान में भी लाया जाता रहा है। अगर राजस्थान सरकार तथा अन्य सरकारों की तरह अनुदान देने की व्यवस्था कर दी जाए तो हरियाणा राज्य परिवहन के कर्मचारियों के साथ-साथ प्राइवेट बस मालिक भी खुशी-खुशी अपनी बसें बिना अवरोध के चलाएंगे जिससे आम जनमानस को बहुत बड़े स्तर पर फायदा मिलेगा। जो कि आज के दिन उनके साथ तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है और जोर जबरदस्ती कर या सरकारी आदेशों को न मानने का डर दिखा कर उनकी बसों को फ्री सुविधा देने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

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