खरीफ सीजन में बाजरे की सरकारी खरीद व्यवस्था 1 अक्टूबर की बजाय 20 सितम्बर से की जाये : विद्रोही

मोदी सरकार ने बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल घोषित करके वाहवाही तो लूट ली, पर जब बाजार में घोषित एमएसपी नही मिलेगा तो फिर एमएसपी घोषित करने या न करने का औचित्य क्या है? विद्रोही
बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल होने के बाद भी इस समय मंडियों में बाजरा 1600 से 1800 रूपये प्रति क्विंटल के भाव से लूटा जा रहा है : विद्रोही

30 अगस्त 2023  – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा सरकार से मांग की इस खरीफ सीजन में बाजरे की न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल पर सरकारी खरीद व्यवस्था 1 अक्टूबर की बजाय 20 सितम्बर से की जाये। विद्रोही ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल से मई-जून तक जिस तरह से बार-बार वर्षा होती रही, उसके चलते दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल के अधिकांश किसानों ने बाजरे की बिजाई निर्धारित समय से 15 दिन से एक माह पूर्व कर दी थी जिसके चलते अगेता बाजरा अब कटाई के बाद मंडियों में बिकने को आने लगा हे। बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल होने के बाद भी इस समय मंडियों में बाजरा 1600 से 1800 रूपये प्रति क्विंटल के भाव से लूटा जा रहा है। समय पर वर्षा होने व कटाई-पकाई के समय मौसम अनुकूल होने पर अहीरवाल में बाजरे का अच्छा उत्पादन होगा, लेकिन अच्छा उत्पादन होने पर भी यदि किसानों को बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने की बजाय उसका बाजरा औने-पौने दामों में लूट लिया जायेगा तो किसान को अच्छा उत्पादन होने का कोई लाभ नही मिलने वाला।  

विद्रोही ने कहा कि मोदी सरकार ने बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल घोषित करके वाहवाही तो लूट ली, पर जब बाजार में घोषित एमएसपी नही मिलेगा तो फिर एमएसपी घोषित करने या न करने का औचित्य क्या है? पिछले साल भी बाजरे का एमएसपी 2350 रूपये प्रति क्विंटल था, पर बाजार में किसान का बाजरा 1500 से 1700 रूपये प्रति क्विंटल में लूट लिया गया। हरियाणा सरकार ने बाजरे की एमएसपी पर सरकारी खरीद करने की बजाय किसानों को भावातंर योजना का झुनझुना थमाकर ठगा। अब भी यदि बाजरे कीे सरकारी खरीद करने की बजाय भावांतर योजना का झुनझुना थमाया जायेगा तो वह किसान को ठगने व लूटने का ही षडयंत्र होगा। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने हरियाणा सरकार से मांग की कि किसानों को ठगने की बजाय जमीन पर किसान के बाजरे का एक-एक दाना एमएसपी 2500 रूपये प्रति क्विंटल भाव पर खरीदा जाये और इस वर्ष की मौसम की परिस्थितियों के मध्यनजर बाजरे की सरकारी खरीद 20 सितम्बर से शुरू की जाये। 

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