भारत की इस उपलब्धि का विभिन्न स्थानों पर हुआ सीधा प्रसारण

डीसी निशांत कुमार यादव व सोहना के एसडीएम प्रदीप सिंह लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में श्रवण एवं वाणी निःशक्त जन कल्याण केंद्र के विद्यार्थियों के साथ रहे मौजूद

गुरुग्राम, 23 अगस्त। अंतिरक्ष की दुनिया में भारत की श्रेष्ठतम उपलब्धि यानी चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर उतरने के ऐतिहासिक क्षणों के का साक्षी बनने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आज विभिन्न स्थानों पर लाइव प्रसारण की विशेष व्यवस्था की गई। जबकि डीसी निशांत कुमार यादव व सोहना के एसडीएम प्रदीप सिंह स्वयं लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में श्रवण एवं वाणी निःशक्त जन कल्याण केंद्र के विद्यार्थियों के साथ कार्यक्रम में मौजूद रहे।

डीसी निशांत कुमार यादव ने देश को गौरान्वित करने वाली इस उपलब्धि पर सभी जिलावासियों को बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है, लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश है। चन्द्रयान श्रृंखला के चन्द्रयान-1 को चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी की खोज का श्रेय दिया जाता है, जो विश्व के लिए एक नई खोज थी। यहां तक कि अमेरिका की नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) जैसी सबसे प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियां भी इस खोज से मंत्रमुग्ध हुई और उन्होंने अपने आगे के एक्सपेरिमेंट के लिए जानकारियों (इनपुट्स) का इस्तेमाल किया। डीसी ने कहा कि अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ (यूएसएसआर) ने हमसे बहुत पहले ही अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू कर दी थी और अमेरिका ने 1969 में चंद्रमा की सतह पर एक मनुष्य को भी उतारा था, फिर भी यह हमारा चंद्रयान ही था जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी की तस्वीरें खींच कर अंतिरक्ष के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की थी।

डीसी ने कहा कि अंतरिक्ष की दुनिया एक रहस्यमयी दुनिया है। जिसके बारे में हम केवल कल्पना ही करते थे। जिसमें अक्सर मन मे सवाल उठते थे कि क्या चन्द्रमा पर भी जीवन संभव हो सकता है। ऐसे में चन्द्रयान -3 भारत ही नही अपितु पूरी दुनिया की जिज्ञासाओं के समाधान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कार्यक्रम में सोहना के एसडीएम प्रदीप सिंह ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन का 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोट के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी मार्क-3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल के माध्यम से दोपहर 2.35 बजे प्रक्षेपण किया गया था। चंद्रयान-3 मिशन के प्राथमिक तीन उद्देश्य हैं, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना, चंद्रमा पर रोवर की परिक्रमा करना और चन्द्रमा की सतह पर इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना।

गुरुग्राम में आज इस उपलब्धि का साक्षी बनने के लिए विभिन्न प्राइवेट स्कूलों, कॉर्पोरेट हाउस, कैफे, रेस्तरां आदि स्थानों सहित जिला प्रशासन द्वारा गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल सुशांत लोक, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल चकरपुर, सिरहौल व सेक्टर 4/7, गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल जैकबपुरा व अर्जुन नगर में लाइव प्रसारण की विशेष व्यवस्था की गई थी।

इस अवसर पर डीआईओ विभु कपूर, श्रवण एवं वाणी निःशक्त जन कल्याण केंद्र की सहायक निदेशक डॉ सीमा, इन्टरप्रिटर श्रेया, संस्थान के टीचर दीपक व मनोज सहित कक्षा नवीं व दसवीं के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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