पोषण अभियान का विस्तार से स्टडी सर्वे करवाया जाए चंडीगढ़ 18 अगस्त- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों में सुधार करने के लिए वर्ष 2023 से 2026 तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें जन्म से 6 वर्ष तक आयु के कम वजन वाले, बौने और बच्चों के जीवन को प्रभावित करने वाले अन्य घटकों का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किया जाएगा ताकि वर्ष 2026 तक इन घटकों को समाप्त कर बच्चों एवं महिलाओं को स्वास्थ्यवर्धक बनाया जा सके। मुख्य सचिव आज यहां पोषण अभियान-2 के तहत 5वीं स्टेट कनवरजेंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य सचिव ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषदों को निर्देश दिए कि वे आंगनवाड़ी केन्द्रों में छोटी कमियों को प्राथमिकता के आधार पर ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर दूर करवाएं। मुख्य सचिव ने कहा कि आकांक्षी जिला नूहं के सभी खण्डों में पोषण अभियान-2 के तहत तीन पोषण युक्त महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जाएगें। इनसे विशेषकर बच्चों एवं महिलाओं को कुपोषण एवं अनिमिया से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि नूह जिला के सभी खण्डों में बच्चों एवं महिलाओं को खाने के लिए तैयार खाद्य सामग्री, पोषण की पोटली एवं पोषक तत्वों से भरपूर और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ प्रदान किए जाएगें। मुख्य सचिव ने कहा कि पोषण अभियान की हर माह जिला एवं राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग एवं समीक्षा की जाए। इसके अलावा अभियान का विस्तार से स्टडी सर्वे करवाया जाए। सर्वे में यह सम्पूर्ण जानकारी मिल सके कि महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण एवं एनिमिया की कमी को कितना दूर किया जा सका है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे पोषण मुक्त अभियान के 6 माह के सार्थक परिणाम समाने लाए जाएं ताकि कोई कमी रह जाए तो उसे और प्रभावी से ढंग से क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा समर्पित टीम बनाकर कि इस सर्वे अभियान को कवायद के रूप में चलाया जाए ताकि महिलाओं व बच्चों को कुपोषण, एनीमिया से मुक्त किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि कम वजन वाले बच्चों का कुपोषण दूर करने और उनका बेहतर स्वास्थ्य बनाने के लिए पोषण मित्र नियुक्त किए जाएगें। यह पोषण मित्र छोटे बच्चों को तीन ग्रेड तक स्वेच्छा से सरकार की योजनाओं के तहत मिलने वाला पौष्टिक आहार सही समय उपलब्ध करवाने का कार्य करेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि हर अभियान की सफलता के लिए आईईसी कार्यक्रम सबसे प्रभावी होना चाहिए। इसके लिए बेहतर क्वालिटी की शॉर्ट फिल्म एवं वीडियो क्लिपिंग बनाकर जन जन तक पहंचाई जाए। उन्होंने कहा कि पिक्चर एवं शॉर्ट फिल्म की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करना चाहिए। मुख्य सचिव ने पोषण अभियान के तहत एनीमिया व कुपोषण से बचाव बारे बच्चों एवं महिलाओं को फोर्टिफाइड चावल, आटा, आयरन, फोरिक एसिड, विटामिन ए, डी आदि के वितरण बारे विस्तार से जानकारी ली। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच कैंप तथा शिशु एवं छोटे बच्चों के आहार में सुधार करने के लिए बेहतर योजना पर कार्य करने जैसे समुदाय आधारित कार्यक्रम पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया। विभाग द्वारा तैयार की गई पावर प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत की गई।बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती जी अनुपमा, निदेशक सेकेण्डरी एजुकेशन अशंज सिंह, निदेशक महिला एवं बाल विकास मोनिका मलिक, निदेशक खाद्य एवं पूर्ति श्री मुकुल कुमार सहित विभिन्न विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। Post navigation डिफॉल्टर जन सूचना अधिकारियों के वेतन से जुर्माना राशि की वसूली ऑटोमैटिक सिस्टम से होगी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने किया शहीद सुरेश कुमार मलिक की प्रतिमा का अनावरण