लाखों बलिदानों के बाद मिली आजादी, अब विकसित भारत की रखी जा रही नींव: धनखड़
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भिवानी के चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय और पार्टी कार्यालय में किया ध्वजारोहण

चंडीगढ़, 15 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भिवानी में भाजपा कार्यालय और चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में ध्वजारोहण करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा है कि देश और प्रदेश के युवाओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए कार्य करना है।

ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि विकसित भारत के सपने और संकल्प के साथ-साथ उन शहीदों को याद रखना है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता की खातिर अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी। आजादी की लड़ाई में हमने न जाने कितने लोगों को खो दिया। ऐसे सभी महापुरुषों को आज नमन करने का दिन है जिन्होंने अपने प्राणों की चिंता न करते हुए हमें आजाद भारत में सांस लेने का मौका प्रदान किया। मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पहले भिवानी जिला भाजपा कार्यालय पर ध्वजारोहण किया और इसके बाद श्री धनखड़ ने चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय न्यू कैंपस में भी ध्वजारोहण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय में देश के स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को याद किया तथा पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए पौधारोपण किया।

भाजपा कार्यालय में ध्वजारोहण उपरांत प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ ने कहा कि देश की आजादी के लिए हमें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। हमारी उस समय की पीढ़ी के लंबे संघर्ष के बाद यह आजादी मिली। आजादी के आदोलन में तीन लाख 27 हजार लोगों ने बलिदान दिया। लगभग 12 हजार सेनानियों को अंग्रेज शासकों ने कोर्ट से फांसी की सजा दिला दी थी, इनमें शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव जैसे बलिदानी शामिल हैं। रामप्रसाद बिस्मिल, राजेंद्र लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह व अशफउल्ला खां जैसे क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। हजारों को काला पानी की जेल में भेजा गया। मानगढ़ हो या जलियावाला बाग हो, हजारों लोगों को गोलियों से भून दिया गया। श्री धनखड़ ने कहा कि भारत को आजादी विभाजन की कीमत पर मिली। महात्मा गांधी ने कहा था कि देश का विभाजन होगा तो मेरी लाश पर होगा, लोग गांधी जी पर भरोसा करते थे, लेकिन उन्हीं की पार्टी ने विभाजन स्वीकार कर लिया। दस लाख लोग मारे गए। भगत सिंह का गांव पाकिस्तान में चला गया। करतापुर साहिब पाकिस्तान में चला गया। उन्होंने कहा कि जो कौमे अपने बुरे दिनों को भूल जाती है, उनके बूरे दिन फिर से आ जाते हैं। इसलिए अपने बुरे दिनों को याद रखना चाहिए और बेहतर के लिए प्रयास करना चाहिए।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम अमृत महोत्सव मना रहे हैं। सुखद बात तो यह है कि विश्व का जो सिस्टम बना था अब वह बदल रहा है। जो लोग कभी हम पर राज करते थे, यह सोच कर गए थे कि भारत हमें वापस बुलाएगा क्योंकि उनका मानना था देश हमसे नहीं चलेगा। जबकि आज अंग्रेजों का देश भी भारत का बेटा ऋषि सुनक ही चला रहा है। जो अंग्रेज अपनी अमीरी पर गर्व और गौरव करते थे, जिनके राज में सूरज तक नहीं छिपता था, उस देश के प्रधानमंत्री को रोते हुए हमने देखा है। भारत की अर्थव्यवस्था से इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था को पीछे जाते हम अमृतकाल में देख रहे हैं।

ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि यह हमारी 75 वर्षों की यात्रा का पड़ाव है। आज दुनिया मोदी की बात सुनती है। दुनिया भारत की तरफ देख रही है कि कोई रास्ता मिल सकता है तो दुनिया को भारत की तरफ से मिल सकता है। आज तिरंगे का सम्मान पूरे विश्व में है। अमेरिका की संसद में मोदी-मोदी के नारे लगते हैं। मेड इन इंडिया अभियान से बहुत सी चीजों का हब भारत बना है। मोबाइल के मामले में हम तीसरे नंबर पर है। दुनिया को 50 प्रतिशत दवाईयां अब भारत देता है। वैक्सीन बनाने में भारत वर्ल्ड लीडर है। अमेरिका को 40 प्रतिशत दवाई हम देते हैं। अफ्रीका को 70 प्रतिशत दवा हम देते हैं। डब्ल्यूएचओ की लिखी हुई 50 प्रतिशत दवाईयां हम देते हैं। अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत ने अपनी विशेष पहचान बनाई है। देश का इंफ्रास्क्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है।

इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर पहुंचे। यहां मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने ध्वजारोहण करने के बाद कहा कि आज बदलते परिवेश में कुछ चुनौतियां भी हैं। कॉमन सिविल कोड जैसे विषय पर देश आगे बढ़ रहा है। क्लाईमेट चेंज भी एक चुनौती है, हरियाणा जैसे राज्य को 1100 करोड़ रुपये किसानों को क्लाइमेट चेंज की वजह से देने पड़ रहे हैं। आज भी हिमाचल क्लाइमेट चेंज की त्रासदी से जूझ रहा है। धरती मां की सेहत को हमें अच्छा करना है। वायु को भी शुद्ध करना बड़ी चुनौती है। प्रदेश अध्यक्ष ने मानव जीवन पर पड़ रहे डाटा के प्रभाव पर भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अब डाटा का युग है, चीजें बदल रही है, हमें भी उसी तरह से तैयार रहना होगा। डाटा के इस युग में हमारी व्यक्तिगत आजादी को घेरा जा रहा है। सोशल मीडिया भी एक चुनौती की तरह है।

पीएम मोदी के उद्बोधन का जिक्र करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश सही रास्ते पर है और गेंद हमारे पाले में है। अब गेंद को सही जगह पहुंचाना 140 करोड़ भारतीयों के हाथों में है। हम अब अनुकरण नहीं करते बल्कि रास्ता दिखाते हैं। अपनी व्यक्तिगत तथा सामूहिक बुद्धिमता और परिश्रम करके देश को तरक्की की राह पर लेकर जाना है। 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। 2047 तक हमें विकसित देश की श्रेणी में आना है, इसलिए हम सभी को अपने पुरूषार्थ के साथ देश को विकसित बनाने में हिस्सेदार बनना है। भारत को विश्व गुरू बनाने, आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में हमारी सहभागिता हो, ऐसा हमें पुरूषार्थ करना है।

श्री धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस ने आजादी के बाद हमारे बलिदानियों की शौर्यगाथा को छिपाया। शहीद भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारी के गांव को पाकिस्तान को देने का पाप किया गया। उन्होंने कहा कि मैने स्वयं अंडेमान निकोबार द्वीप समूह में भी जाकर देखा। वहां ऐसा इतिहास पता चला, जो कि देश से छुपाया गया। नेताजी ने अंडेमान निकोबार को आजाद कराकर झंडा फहराया था। वह तारीख इतिहास से गायब कर दी गई। धनखड़ ने कहा कि हम जनता और कार्यकर्ताओं में भगवान को देखते हैं, लेकिन एक ऐसी पार्टी भी है, जिन्हें जनता में राक्षसी प्रवृति दिखाई दे रही है। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष किया कि ये कैसी मोहब्बत की दुकान है, जिसमें राक्षसी वृतियां निवास करती है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी ग़लती हो जाने के बाद भी वे जनता से माफी नहीं मांग रहे। धनखड़ ने कहा कि हमें अपना अपना बेस्ट देना है ताकि देश को लगातार तरक्की के रास्ते पर बढ़ाया जा सके और 2047 तक अपने भारत को विकसित देश बना सकें।

कार्यालय ध्वजारोहण समारोह में जिला अध्यक्ष शंकर धूपड़़, शिक्षक प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक मदन मोहन, प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम सिंह, पूर्व विधायक शशि परमार , विरेंद्र कौशिक, मनोज तंवर, संदीप श्योरान, शिव कुमार परासर, रोहताश चौहान, राहुल मुंडाल, कुलदीप पायल, प्रिया असीझा, मण्डल अध्यक्ष विनोद चावला, बाबू लाल स्वामी, नविता तंवर, प्रदीप तंवर, कँवर सिंह, राजबाला श्योरान, मुकेश पहाड़ी, सकुंतला प्रदान आदि उपस्थित थे। विश्वविद्यालय ध्वजारोहण समारोह में युनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल, रजिस्ट्रार रितु सिंह, सुरेंद्र कौशिक आदि मौजूद रहे। दोनों ही स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भी स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया गया।

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