9 साल में भी ट्रिपल आईटी सोनीपत का काम पूरा नहीं करवा पाई सरकार

·        ट्रिपल आईटी के काम में अभूतपूर्व देरी पर संसद में पूछे गए सवाल पर शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने दिया जवाब

·        हरियाणा में कमजोर और नकारा सरकार के चलते ट्रिपल आईटी को स्थाई कैम्पस मिलने में हो रही अभूतपूर्व देरी – दीपेन्द्र हुड्डा

·        BJP-JJP सरकार ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का बंटाधार कर दिया – दीपेन्द्र हुड्डा

·        इस सरकार ने बेरोजगारीभ्रष्टाचारमहंगाईअपराधनशाखोरी जैसी रैंकिंग में हरियाणा को देश के टॉप राज्यों में पहुंचा दिया – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 10 अगस्त। आईआईआईटी सोनीपत का निर्माण कार्य पूरा होने में अभूतपूर्व देरी पर सरकार से सवाल पूछते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने संसद में ब्यौरा माँगा। इसपर शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने जवाब दिया कि आईआईआईटी की कक्षाएं पहले अस्थाई परिसर में चल रही थी जो अब सोनीपत के ट्रांजिट परिसर में चल रही हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में इतनी कमजोर सरकार है कि वो 9 साल बाद भी ट्रिपल आईटी का काम पूरा नहीं करवा पाई। सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बताया कि 21 दिसम्बर 2013 को तत्त्कालीन मानव संसाधन मंत्री डॉ० पल्लम राजू व तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के हाथों ट्रिपल आईटी सोनीपत के काम का शिलान्यास कर एनआईटी  कुरुक्षेत्र में कक्षाएं शुरू करवा दी थी। IIIT का निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 में ही पूरा हो जाना था। लेकिन भाजपा सरकार की घोर उपेक्षा व राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के चलते वर्षों पीछे चला गया। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में कमजोर और नकारा सरकार होने के चलते ही ट्रिपल आईटी को स्थाई कैम्पस मिलने में अभूतपूर्व देरी हो रही है।

उन्होंने कहा कि 9 साल बाद भी मौजूदा सरकार छात्रों को उनका स्थाई परिसर भी बनवाकर नहीं दे सकी। वर्तमान में IIIT की कक्षाएं चन्द्रावती एजुकेशनल ट्रस्ट के श्री बलवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एसबीआईटी), सोनीपत के ट्रांजिट परिसर में चल रही हैं। केन्द्र और राज्य सरकार इस पूरे इलाके के साथ राजनैतिक भेदभाव का रवैया अपनाये हुए है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि हमारे द्वारा मंजूर परियोजनाओं के साथ इस सरकार का रवैया पूरी तरह उदासीन और भेदभावपूर्ण रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि 16 मई, 2023 को एक रोजगार मेले में खुद प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि 2014 से 2022 के बीच हर साल 1 नया आईआईटी और आईआईएम तैयार हुआ साथ ही बीते 9 वर्षों में औसतन हर हफ्ते 1 यूनिवर्सिटी बनी, हर दिन 2 कॉलेज खोले गए। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि लेकिन हरियाणा को इनमें से कुछ नहीं मिला। हरियाणा में इतनी कमजोर सरकार है कि वो नया कोई संस्थान लाना तो दूर UPA सरकार के समय उनके द्वारा मंजूर कराए गए महत्त्वपूर्ण और मेगा प्रोजेक्ट का काम न तो पूरा करवा पाई न हो उन्हें दूसरे राज्यों में जाने से रोक पाई।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि BJP-JJP सरकार ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का बंटाधार कर दिया है। यही कारण है कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग में हरियाणा की शिक्षा नीति की पोल खुल गई है। 9 साल के अदूरदर्शी शासन के नतीजे खुद बोल रहे हैं! इसी का नतीजा है कि NIRF रैंकिंग के ओवरआल टॉप 100 में भी हरियाणा का कोई उच्च शिक्षण संस्थान नहीं है, वहीं विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में गिरावट आयी है। उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार ने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई, अपराध, नशाखोरी जैसी रैंकिंग में हरियाणा को देश के टॉप राज्यों में पहुंचा दिया है।

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