*सरकार नूंह हिंसा की विस्तृत जांच कर असल गुनहगारों को पकड़े निर्दोषों को नहीं,
*मेवात फसाद की जांच गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में संयुक्त संसदीय समिति करे,
*धार्मिक संगठनों के नेताओं की भूमिकाओं की जांच भी जेपीसी द्वारा कराई जाए,
*धार्मिक यात्रा की पुनः कौल देने वाले संगठनों की मंशा भी स्पस्ट करे केंद्र सरकार,

गुरुग्राम 8/8/2023 माईकल सैनी जिला मीडिया प्रभारी ने कहा कि सोहना से आम आदमी पार्टी नेता मोहम्मद जावेद पर दर्ज नामजद एफआईआर में लगे आरोप गंभीर हैं वह राजनीति द्वेष भावना से लगाए गए आरोप नहीं हैं इसकी तस्दीक देश की निष्पक्ष जांच एजेंसी एनआईए द्वारा कराई जाए और दोषी पाए जाने पर सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई क्षेत्र की शांति भंग करने की सोच भी न सके और साथ ही मोनू मानेसर जो राजस्थान पुलिस की चार्जशीट में पहले से ही हत्त्या की धारा 302 में वांछित अपराधी है उसे भी और धार्मिक यात्रा को पुनः निकालने वाले विभिन्न संगठनों के प्रमुख नेताओं की जांच जेपीसी से कराई जाए ताकि गुनहगार कौन हैं इस अमन,शांति, भाईचारे का ज्ञात हो सके जिससे दूध का दूध, पानी का पानी हो सके , देश में कानून का राज चलता है यह प्रत्यक्ष रूप से दिखना भी तो जरूरी होता है ।

माईकल सैनी ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से फेल हुई इसमें कोई संदेह नहीं चूँकि खुफिया तंत्र द्वारा पहले ही अंदेशा जताया जा चुका था जिस बवाल के बारे में उसे लेकर इतनी घोर लापरवाही जिससे देश की छवि को कलंकित कर दिया ऐसी चूक तो कोई गैर जिम्मेदार मुखिया ही कर सकता है वैसे भी सुना है मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को नूंह (मेवात) हिंसा की जानकारी नहीं थी, होने पर वह डीसी-एसपी को छुट्टी पर नहीं भेजते !

इधर प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज साहब जो ना तो एक अच्छे स्वास्थ्य मंत्री साबित हुए और ना ही गृहमंत्री , हर बार की तरह इस मामले पर भी बहाना बनाकर कि खुफिया तंत्र सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करता है मुझे तो सूचना ही प्राइवेट आदमी से मिली अर्थात निजी आदमी से उधर सुरेन्द्र जैन विश्वहिंदू परिषद के महामंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने अपनी सुरक्षा की दुहाई अनिल विज को दी तब कुछ देर बाद हमें सुरक्षा मिल पाई , इसका अर्थ निकाला जाए तो वह निजी आदमी सीधे संपर्क में था अर्थात जांच में इन्हें भी शामिल किया जाए जेपीसी के समक्ष आखिर कबतल्क इनकी अयोग्यता का दंश झेलती रहेगी प्रदेश की जनता सवाल यह है ?

सैनी कहते हैं कि हर बार बहाने लगातार सहजता से अपनी जवाबदेही से बचकर भाग निकलते हैं गृहमंत्री लेकिन उन्हें अब बताना ही होगा कि मुख्यमंत्री से उनकी कॉन्ट्रोवर्सी से जनता को क्या लेना , अब या तो जवाब दे या फिर गलती स्वीकार करें कि डबल इंजन वाली भाजपा सरकार हर मोर्चे पर पूर्ण रूप से विफल हुई है !

*जब कुछ जानते नहीं, कुछ कर नहीं सकते हैं तो उतर क्यों नहीं जाते कुर्सी से – कुर्सी है तुम्हारा जनाजा थोड़े ही है ?

माईकल सैनी ने कहा कि यात्रा में हथियार ले जाने के पीछे संगठनों का उद्देश्य क्या था तथा उकसावे वाली ब्यानबाजियाँ क्यों दी जा रही थी जिससे भारी तनाव और बलवा मचा उसका इतना खामियाजा भुगतना पड़ा की भरपाई भी नहीं हो सकती , छ लोगों की जाने गई हैं , सैंकड़ों घायल हुए, आगजनी में हजारों करोड़ की क्षति हुई , भय और आतंक के माहौल में लाखों लोग पलायन को मजबूर हुए , उद्योग धंधे बंद पड़े हैं, अरबों रुपए रोजाना नुकसान हो रहा है, लोग मूलभूत जरूरतों यहां तक कि जरूरी दवाओं तक को तरस गए इसके बावजूद यात्रा को पुनः निकाले जाने की कौल दी जा रही हैं क्यों भाई क्षेत्र में आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोई जिद्द ठान रखी है क्या आखिर चाहते क्या हैं यह लोग जांच करे केंद्र सरकार ।

सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार असल आरोपियों को खुला घूमने दे रही है वहीं निर्दोष लोगों पर मुकद्दमें दर्ज कर रही है उनके मकान-दुकान बगैर कानूनी प्रक्रिया को अमल में लाए बुलडोजर से ध्वस्त कर रही है जो किसी भी एंगल से न्यायोचित नहीं, ऐसा लगता है मानों यहाँ जंगलराज कायम हो गया हो , इसलिए केंद्र सरकार से गुहार है कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन कर विस्तृत जांच की जाए तथा सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मीले फिर भले ही वह किसी भी धर्म जाती समुदाय से सम्बंध क्यों नहीं रखता हो ?

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