सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के दोष सिद्धि पर रोक लगाकर न्यायिक व्यवस्था में एक नया विश्वास पैदा किया : विद्रोही सुप्रीम कोर्ट ने सूरत ट्रायल कोर्ट, सूरत सैशन कोर्ट व गुजरात हाईकोर्ट पर नियमों व कानूनों की परिपालना के संदर्भ में जो टिप्पणियां की है, उन पर गुजरात न्यायपालिका को गंभीरता से अपना आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है : विद्रोही 5 अगस्त 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट द्वारा श्री राहुल गांधी जी को सुनाई गई दो वर्ष की जेल सजा दोष सिद्धि को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे करने को न्याय की जीत बताय। विद्रोही ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी को सूरत सैशन कोर्ट से ही दोषी ठहराने पर स्टे मिल जाना चाहिए था, लेकिन सूरत सैशन कोर्ट और फिर गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की अपील और उठाये गए कानूनी मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय स्टे भी नही दिया और गुजरात हाईकोर्ट के माननीय जज ने तो इस मामले में अनावश्यक रूप से लम्बा खींचकर न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बनाया। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी जी के दोष सिद्धी पर रोक लगाकर गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया। वहीं स्टे में सुप्रीम कोर्ट ने सूरत ट्रायल कोर्ट, सूरत सैशन कोर्ट व गुजरात हाईकोर्ट पर नियमों व कानूनों की परिपालना के संदर्भ में जो टिप्पणियां की है, उन पर गुजरात न्यायपालिका को गंभीरता से अपना आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी-भाजपा सरकार व संघीयों ने जिस तरह न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग करके राहुल गांधी को संसद से बाहर रखने व 8 साल तक चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखने का जो षडयंत्र रचा था, वह सुप्रीम कोर्ट के दोष सिद्धि पर रोक लगाने के बाद असफल हो गया। अब रही-सही कसर सूरत सैशन कोर्ट में पूरे मामले में चल रही अपील में पूरी हो जायेगी। सुप्रीम कोर्ट के उठाये गए सवालों के बाद लगता नही कि गुजरात न्यायपालिका मोदी-भाजपा सरकार की सत्ता से प्रभावित होकर नियम विरूद्ध फैसला करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के दोष सिद्धि पर रोक लगाकर न्यायिक व्यवस्था के प्रति आमजनों में एक नया विश्वास पैदा किया है। वहीं इस फैसले के बाद कांग्रेस व इंडिया एलायंस को और मजबूती मिलेगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट फैसला मोदी-भाजपा-संघ के लिए बडा झटका है। विद्रोही ने देशभर के जागरूक नागरिकों से अपील की कि मोदी सरनेम मामले में मोदी-भाजपा-संघ द्वारा न्यायिक प्रक्रिया के दुरूपयोग को समझे और मोदी-भाजपा-संघ को वोट की चोट से लोकसभा चुनाव 2024 में ऐसा करारा सबक सिखाये कि कोई भी भविष्य में सत्ता दुरूपयोग से किसी की अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता व नागरिक अधिकारों पर ऐसा डाका न डाल सके। Post navigation ताली से थाली का संघर्ष करता मध्यम वर्ग भारतीय मध्यम वर्ग का संघर्ष कभी खत्म क्यों नहीं होता ?