ब्रज मंडल यात्रा में हिंसा की संभावना पहले से थी सूत्रों के अनुसार डीजीपी हरियाणा पर गुरुग्राम कोर्ट में हुई शिकायत भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। नूंह की हिंसा मानवता को शर्मसार करने वाली है लेकिन इस पर शर्मिंदा होने की बजाय सभी अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं। यह मेरा आंकलन है। मन व्यथित होता है ऐसी घटनाएं देखकर। याद आता है बाबरी मस्जिद विध्वंस होने का समय। विश्व हिंदू परिषद द्वारा यह ब्रज मंडल यात्रा निकाली जानी थी। इससे पूर्व ही इस प्रकार के वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहे थे तो उनसे यह आभास हो रहा था कि वहां कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। यह बात आमजन के दिमाग में थी किंतु प्रशासन इससे कैसे अंजान रहा, यह विचारनीय विषय है। आज प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने खुद माना कि यह योजना पहले से बनाई जा रही थी। सभी विपक्षी दल भाजपा को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं कि यह उनकी सोची-समझी साजिश थी, जिसे करने में वह सफल हुए। अब मेरा मन तो नहीं मानता कि वास्तविकता में कोई भी वोट के लिए ऐसा घृणित कार्य करा सकता है। इस समय भाजपा में भी सामंजस्य नजर आ नहीं रहा। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की बातें मेल नहीं खातीं। इसी प्रकार गृहमंत्री के पास सूचनाओं का न पहुंचना बहुत कुछ कहता है और फिर सांसद राव इंद्रजीत उनका ब्यान अलग ही कहानी कह रहा है। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अभी तक इस घटना पर मौन हैं। मुख्यमंत्री शायद मन की बात ज्यादा कहते हैं। अत: वह कह गए कि हर व्यक्ति की सुरक्षा करना मेरे वश में नहीं। माना कि मुख्यमंत्री के मुंह से यह बात शोभा नहीं देती परंतु वास्तविकता यह है कि हर घर में तो पुलिस नहीं जा सकती। अनेक घटनाएं घरों में ही हो जाती हैं, उनकी सुरक्षा पुलिस या मुख्यमंत्री कैसे कर सकते हैं। अब पता नहीं मुख्यमंत्री ने किस संदर्भ में बात कही लेकिन उस बात पर लगातार हमले तो हो रहे हैं। काश जितना ध्यान ये मुख्यमंत्री की बात पर हमला कराने में लगा रहे हैं, उतना ध्यान हिंसा पीडि़तों की सहायता में लगाते तो अच्छा होता। सूत्रों के अनुसार डीजीपी हरियाणा पर गुरुग्राम कोर्ट में हुई शिकायत : आज कुछ सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि गुरुग्राम की कोर्ट में एक व्यक्ति ने डीजीपी हरियाणा के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई है कि डीजीपी साहब तब क्या कर रहे थे, जब ब्रजमंडल यात्रा में झगड़ा होने की संभावना थी। उस समय पुलिस प्रशासन कहां था? जैसा कि ज्ञात हुआ है कि उस शिकायत में शायद पुलिस की लापरवाही की गलती का जिम्मेदार डीजीपी को माना है। सभी राजनैतिक दल, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सारे लोग भाजपा को जिम्मेदार बता रहे हैं, जबकि कांग्रेस के विधायक मामन खान का नाम इसमें आ रहा है। इधर ऐसी सूचनाएं गुरुग्राम और हरियाणा के अनेक क्षेत्रों से मिल रही हैं कि वहां कुछ लोग मुसलमानों को अपने यहां से बाहर निकालने की और बायकाट करने की बात कर रहे हैं और उनमें विश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का नाम भी आ रहा है। मेरे विचार से सबसे बड़ा धर्म मानवता का है और हर धर्म में अच्छे-बुरे लोग होते हैं चाहे वे हिंदू हों, मुसलमान हों, सिख हों, इसाई हों या अन्य कोई धर्म के हों। अब प्रश्न यह है कि कुछ बुरे व्यक्तियों की सजा अन्य को क्यों मिले? जो मुस्लिम यहां वर्षों से रह रहे हैं, अपनी मेहनत से रोजी-रोटी खा रहे हैं, उनका इसमें क्या कसूर है? और इसी प्रकार नूंह में जो व्यक्ति पीडि़त हुए, जिनकी घर-दुकानें जल गईं। एक मध्यम वर्गीय परिवार अपनी पूरी उम्र लगा देता है अपना व्यवसाय जमाने में और वह सब मिनटों में तबाह हो गया। क्या इन लोगों को उनकी मदद के लिए नहीं जाना चाहिए? जो लोग अपने रहने के स्थान से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं, उनका दोष क्या है? मेरा अपना मानना है कि इस प्रकार के झगड़े-दंगों में जो शरारती तत्व होते हैं वे अपने आपको बचा जाते हैं और शरीफ-ईमानदार मार खा जाते हैं। कई बात तो तमाशगीर भी चपेटे में आ जाते हैं। आज आप पार्टी के सांसद और प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता आए थे। उनसे सवाल ऐसा ही पूछ लिया तो उनके इशारे पर उनके प्रवक्ता ने मुझसे पूछा कि आपको यह सवाल पूछने के कितने पैसे मिले हैं? दिल को बड़ा धक्का लगा। मैंने भी उत्तर दिया कि 20 लाख मिले हैं। जिस पर हंसने लगे और गुप्ता जी उत्तर न देकर बात को घुमा दिया। ऐसी स्थिति एक सुशील गुप्ता के साथ ही नहीं, अपितु मैं समझता हूं कि हर पार्टी के नेता के साथ ही है और मैं कहना चाहूंगा कि अगर कोई सच कह रहा है तो मेरे सामने बैठ और प्रश्नों के उत्तर दे दे। मैं आप सभी से यह प्रार्थना करना चाहूंगा कि इस समय जाति-धर्म को भूलकर मानवता के धर्म को याद रखें। उसी में हम सभी की भलाई है और जहां तक मेरी जानकारी है किसी भी धर्म में हिंसा को उचित नहीं ठहराया गया है। Post navigation मेवात और गुरुग्राम से पलायन न करें लोग: डॉ. सुशील गुप्ता रविवार 6 अगस्त को प्रधानमंत्री करेंगे रेलवे स्टेशनों के नवीनीकरण का शिलान्यास