बिजली चोरी के मामले में बिजली निगम की अपील अदालत ने की खारिज

गुडग़ांव, 22 जुलाई (अशोक) : बिजली चोरी के मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली बिजली निगम की अपील को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शर्मा की अदालत ने खारिज कर दिया है। हालांकि बिजली निगम
उपभोक्ता को उसके द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि ब्याज सहित वापिस भी कर चुकी है।

उपभोक्ता राजीव नगर क्षेत्र के उपभोक्ता बदलूराम के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली निगम द्वारा वर्ष 2013 की 5 जून को उपभोक्ता का बिजली का मीटर उतारकर लैबोरेट्री में चैक करने के लिए भेज दिया था। उस पर आरोप लगाया गया था कि वह मीटर की सील टैंपर्ड कर बिजली की चोरी कर रहा था और 65 हजार 594 रुपए का जुर्माना भी उस पर लगा दिया गया था। कहीं बिजली का कनेक्शन न कट जाए, इस डर से उसने जुर्माना राशि बिजली निगम में जमा कर स्पेशल कोर्ट में बिजली निगम के खिलाफ वर्ष 2015 की 20 नवम्बर को दायर कर दिया था।

स्पेशल कोर्ट ने वर्ष 2018 की 23 जनवरी को ऑर्डर पारित कर इस मामले को सिविल जज की अदालत में दायर करने के आदेश दिए थे। इसी दिन यह मामला सिविल जज की अदालत में फाइल कर दिया गया था। तत्कालीन सिविल जज सूर्याशा जावा की अदालत ने वर्ष 2021 की 16 मार्च को उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिजली निगम को आदेश दिए थे कि जमा कराई गई जुर्माना राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस की जाए, लेकिन बिजली निगम ने अदालत के आदेश की कोई पालना नहीं की।

जिस पर उपभोक्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सिविल जज की अदालत में एग्जिक्यूशन पिटिशन दायर कर बिजली निगम का बैंक अकाउंट भी अटैच कर दिया था। बिजली निगम ने वर्ष 2021 की 27 दिसम्बर को जुर्माना राशि मय ब्याज के चैक के माध्यम से भुगतान कर दी थी। अधिवक्ता का कहना है कि लेकिन बिजली निगम ने इसी दौरान जिला एवं सत्र न्यायालय में निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर कर दी थी। अपील पर सुनवाई करते हुए जिला अदालत ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए बिजली निगम की अपील को खारिज कर दिया है।

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