सिर्फ महिलाओं की नहीं, बल्कि देश की अस्मिता भी बेआबरू हुई है। इतनी हैवानियत पर भी सरकार खामोश है, देश की मीडिया, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग सब के सब ख़ामोश है। शर्म आनी चाहिए और कितना इंसानियत को तार तार करवाओगे? 20/7/2023 :- ‘भारत देश की औरत को मणिपुर में नंगा करके घुमाया गया। गुंडे मजे लेते रहे। प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति, गृहमंत्री एवं बीजेपी महिला नेता स्मृति ईरानी ये सब सोते रहे। नंगा असल में आज पूरा भारत हुआ है। पहली बार इस कदर, मोदी के राज में। शर्म करे मोदी सरकार।’ उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेट सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहे। उन्होंने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य है कि देश का प्रधानमंत्री मोदी 75 दिनों से हिंसा में जल रहे मणिपुर पर चुप्पी साधे बैठा है। देश में कभी महिला आयोग हुआ करता था जो आज मर चुका है, खुलेआम मंचो से महिलाओं का अपमान हो रहा है, उनको सम्पत्ति और प्रॉपर्टी समझा जा रहा है, कहां है देश की न्यायिक व्यवस्था? क्या यही बीजेपी का अमृत काल है? महिला कांग्रेस नेत्री ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देशवासियों को प्रधानमंत्री से वैसे भी इस मामले में कुछ उम्मीद नहीं रखनी चाहिए क्योंकि वह तो बिलकिस बानो के संस्कारी दोषियों को आजादी दिवस के मौके पर रिहा करते है, उनका काम दोषियों पर कार्रवाई करना नही संरक्षण देना और खुली फ़िज़ा व समाज में छोड़ देना है। उन्होंने कहा कि बंगाल में हुए बवाल पर राष्ट्रपति शासन की मांग करने वाली टुकड़े टुकड़े गैंग का कहीं अता पता नहीं है। मुझे नहीं लगता कि इंसान को इस कदर हैवान बनते हुए देखने के बाद भी 56इंच वाले मोदी जी मणिपुर का ‘म’ बोलेंगे? वर्मा ने कहा कि इस बर्बर घटना के बाद भी कोई चैन से कैसे सो सकता है? मणिपुर की वो 2 बेबस और नोच खाई गई महिलाएं जिनको निर्वस्त्र कर उनके निजी अंगों से खेलते हुए बेशर्म भीड़ ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद मार दिया, क्या वो दिख नहीं रही किसी को भी, क्या सबका खून ठंडा हो चुका है। शर्म की बात है इस देश के लिए जिस देश में राष्ट्रपति खुद एक आदिवासी महिला हैं फिर इस देश में आज ये वैहशिपना है, क्या ऐसे ही हम विश्व गुरु बनेंगे? ये शर्म की बात हम सबके लिए है की हम विश्व के ऐसे घटिया समाज का हिस्सा हैं और ये सब देख रहे हैं और चुप हैं। उन्होंने कहा कि शर्म की बात है मेरे लिए भी है कि मैं सिर्फ ये लिख और महसूस कर पाने तक सीमित हूं। मुझ सहित आज पूरा देश शर्मशार है। वर्मा ने अपनी व्यथा को शायराना अंदाज में जाहिर करते हुए कहा कि – “पांचाली के चीर-हरण पर जो चुप पाए जायेंगे, इतिहासों के कालखंड में वे कायर कहलायेंगे।” Post navigation खट्टर सरकार नौकरियों में भर्ती नियमों के साथ खिलवाड़ कर बेरोजगार युवाओं से कर रही धोखाधडी : विद्रोही आतंकवाद के लिए हथियार बनते ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म