सड़क पर नागरिकों का जीवन सुरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता चंडीगढ़, 19 जुलाई- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा फंड नियमों के लिए गठित फंड प्रबंधन समिति की बैठक में राज्य में सड़क सुरक्षा उपायों के लिए 25 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की। समिति ने स्वचालित नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर), स्पीड डिटेक्शन सिस्टम की स्थापना के लिए 12.50 करोड़ रुपये और 30 लाइट रिकवरी वैन तथा सड़क सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए 5.40 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। मुख्य सचिव ने बताया कि विभिन्न जिलों को शीतकालीन जैकेट, रिफ्लेक्टर जैकेट, रिफ्लेक्टर के साथ रेनकोट, बैटन लाइट, टोपी के साथ कपड़े, डिजिटल डायवर्जन बोर्ड, पोर्टेबल स्पीड ब्रेकर और सड़क सुरक्षा से संबंधित साहित्य और ब्रोशर सहित आवश्यक सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए 5.6 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, ऑडियो क्लिप वितरण, सड़क सुरक्षा अभियान, रैलियां, मैराथन, सोशल मीडिया अभियान, अग्रिम साइनबोर्ड, सड़क सुरक्षा टूर्नामेंट और अन्य सड़क सुरक्षा उपकरण जैसे उपाय भी किए जाएंगे।श्री कौशल ने कहा कि राज्य भर में सड़क सुरक्षा के प्रति व्यापक दृष्टिकोण पर बल दिया जा रहा है। गुरूग्राम और फ़रीदाबाद को 2-2 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। इन दोनों जिलों में हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएँ सामने आई हैं, जिससे सुरक्षा पहलुओं में निवेश करना महत्वपूर्ण है। हिसार, सोनीपत, करनाल, झज्जर, पलवल, रेवाड़ी, अंबाला, कुरूक्षेत्र, पानीपत, रोहतक और पंचकुला के लिए 2.30 करोड़ रुपये तथा चरखी दादरी, फतेहाबाद, कैथल, नारनौल, मेवात, सिरसा, भिवानी, जींद और यमुनानगर के लिए 1.30 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। समिति ने परिवहन विभाग के लिए 100 और पुलिस विभाग के लिए 900 चालानिंग मशीनों की खरीद के लिए 194.98 लाख रुपये की मंजूरी दी है। इसके अलावा सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकरणों और संसाधनों की खरीद के लिए महानिरीक्षक यातायात को 80 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है। सड़क सुरक्षा शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए पलवल में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च की चारदीवारी के निर्माण हेतू 104.03 लाख रुपये आवंटित किए हैं। समिति द्वारा सड़कों पर गति सीमाओं की प्रभावी ढंग से निगरानी करने और लागू करने के लिए उन्नत लेज़र स्पीड गन में निवेश करने, स्पीड लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) ड्रैगनआई रिकग्निशन कैमरा वाहनों की सटीक गति पहचान करने और पहचान के लिए आधुनिक तकनीक प्राप्त करने, प्रणाली लाइसेंस प्लेटों की पहचान के लिए स्वचालित प्रणाली लागू करने, वाहनों की पहचान और ट्रैकिंग में सहायता करने, आवारा मवेशियों की दृश्यता बढ़ाने और दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए परावर्तक कॉलर की शुरूआत करने, सड़क दुर्घटनाओं की गहन जांच करने के लिए अधिकारियों को विशेष उपकरणों और तकनीकी दुर्घटना जांच किट से लैस करने, भीड़ वाले क्षेत्रों की हवाई निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग करने, वास्तविक समय की निगरानी प्रदान करने और यातायात प्रबंधन को बढ़ाने के कार्य किए जाएगें। श्री कौशल ने कहा कि सड़क सुरक्षा उपायों का मुख्य उद्देश्य राज्य भर में सड़क दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी लाना और सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना है। सड़क पर अपने नागरिकों का जीवन सुरक्षित करने के लिए सुरक्षा उपकरणों व बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक पहलुओं पर कार्य करना सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पुलिस महानिदेशक, श्री पी.के. अग्रवाल, प्रधान सचिव परिवहन, श्री नवदीप सिंह विर्क, निदेशक यूएलबी श्री यशपाल और स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, एचएसआईआईडीसी, पीडब्ल्यूडी (बी और आर) विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। Post navigation नौ साल में 3000 करोड़ रुपये बाढ़ की रोकथाम के लिए अलॉट किए, लेकिन सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े : अनुराग ढांडा साइबर क्राइम- हरियाणा पुलिस ने कसा शिंकजा, विभिन्न मामलों में करोड़ों रुपए बचाए