बोले, हेराफेरी सर्विस आयोग बने एचपीएससी को तुरन्त भंग कर नए सिरे से गठन ज़रूरी। टमाटर के भाव की तरह हर रोज एचसीएस परीक्षा का परिणाम बदलना अयोग्यता का प्रमाण। एचसीएस की एक भी भर्ती साफ-सुथरी नही कर पाने के लिए प्रदेश के युवाओं और उनके अभिभावकों से माफी मांगें सीएम खट्टर। चंडीगढ़। गत 21 मई को आयोजित एचसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट के पेपर का परिणाम बार-बार बदले जाने पर राज्यसभा सांसद और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आज खट्टर सरकार पर करारा हमला बोला है। मौजूदा हरियाणा लोकसेवा आयोग को प्रदेश के इतिहास का सबसे नकारा, निकम्मा और अयोग्य कमीशन करार देते हुए उन्होंने पूरे आयोग को तत्काल भंग करके इसकी नए सिरे से गठन करने की माँग की है। साथ ही उन्होंने एचसीएस की प्रारंभिक परीक्षा तत्काल नए सिरे से कराने और मई में हुई परीक्षा रद्द करने पर ज़ोर दिया है। यहाँ जारी एक बयान में सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर साहब के सत्ता में आने के बाद साढ़े आठ साल में एचपीएससी, एचसीएस समेत एक भी भर्ती साफ-सुथरे व पारदर्शी ढंग से नही कर पाई। हर परीक्षा में कोई ना कोई खामी या हेराफेरी सामने आई, जिसकी सज़ा प्रदेश के लाखों शिक्षित युवा भुगत रहे हैं। एचपीएससी के कुकर्मों के कारण प्रदेश के लोग इस आयोग को अब हेराफेरी सर्विस कमीशन कहने लगे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि एचपीएससी के कारनामे ऐसे हैं कि प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती का परीक्षा परिणाम 2 महीने के भीतर दूसरी बार बदल दिया गया है । यही बात भी इस सर्विस कमीशन की कारगुज़ारियों और नकारापन को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है। रणदीप ने कहा कि खट्टर साहब को यदि इस प्रदेश के युवाओं के भविष्य की थोड़ी सी भी चिंता है तो इस नकारा लोक सेवा आयोग को तुरन्त बर्खास्त करके नया योग्य और विश्वसनीय आयोग गठित किया जाए । साथ ही पहले ही दिन से अपनी विश्वसनीयता खो चुकी एचसीएस की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करके पुनः परीक्षा आयोजित की जाए। रणदीप ने कहा कि पिछली एचसीएस तथा डेंटल सर्जन की भर्ती में कैश फ़ॉर स्कैम पकड़ा गया। अकेले अनिल नागर पर पूरा घपला डालकर एचपीएससी के सदस्यों, सरकार से जुड़े लोगों, अधिकारियों और पेपर कंडक्ट करने वाली कम्पनी के लोगों सहित सभी घोटालेबाजों को खट्टर साहब की विजिलेंस ने बचा लिया। इस बार इन्होंने खुद ओएमआर शीट भरने वाला झंझट ही खत्म कर दिया और पेपर में 38 सवाल पिछली भर्ती के पेपर से हूबहू उठाकर दे दिए ताकि ना किसी को पेपर लीक करना पड़े और ना किसी को सीक्रेसी के भीतर ओएमआर शीट भरवानी पड़ें । उन्हे बस चहेतें को सिर्फ इतना बताना था कि पिछली बार वाला पेपर पढ़ लो। इनकी चालाकी देखिए, सीसैट के पेपर को क्वालीफाई करने के लिए 33% नम्बर की ज़रूरत होती है और इन्होंने 38 प्रश्न पहले ही लीक करके सारा खेल कर दिया । सुरजेवाला ने कहा कि इनकी चालाकी के शिकार बच्चे कोर्ट गए। आजकल सरकार ने कोर्ट को बाईपास व गुमराह करने का भी बड़ा कारगर तरीका ढूंढ लिया है। एजी साहब ने कोर्ट से दरख्वास्त की कि ये लोग इस मुद्दे पर विचार करके स्पीकिंग ऑर्डर पास करेंगे। 8 जून को इन्होंने स्पीकिंग ऑर्डर पास किए कि इन 38 सवालों को हटाकर बचे हुए 62 सवालों के आधार पर रिजल्ट बनाया जाएगा। साथ ही इन्होंने उन कैंडिडेट्स का भी ख्याल रखा जिनको ये 38 सवालों का राज मालूम था। एचपीएससी ने कहा कि इन 38 सवालों को मिलाकर भी जो कैंडिडेट्स 33% अंक लेंगे उनको भी पास माना जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि ये देश की ऐसी पहली परीक्षा है जिसमें पेपर एक और परिणाम दो निकाल दिए गए? उन्होंने कहा कि कैंडिडेट्स इस कलंकित भर्ती को रद्द करवाने के लिए दुबारा कोर्ट गए। सरकार ने मुकद्दमे से बचने के लिए फिर वही रणनीति अपनाई। एजी साहब फिर कोर्ट गए और कहा कि हम पिछले आदेशों को रद्द करके नए आदेश जारी करेंगे। कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया और एचपीएससी ने कैंडिडेट्स के साथ छल करते हुए अब उन 38 सवालों के साथ ही दुबारा रिजल्ट जारी कर दिया। रणदीप ने याद दिलाया कि एचपीएससी वालों का उसूल है चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए। चाहे पेपर लीक हो, चाहे 38 सवाल पेपर में नकल से डाले गए हों गलती स्वीकार नही करेंगे। उन्होंने पूछा कि ये कैसा लोक सेवा आयोग है जिसके आदेश मंडी में टमाटर के भाव की तरह हर रोज बदलते हैं? ये खट्टर साहब की कैसी पारदर्शिता है जहां पेपर से पहले 38 प्रश्न सार्वजनिक होते हैं? उन्होंने इस नकारा लोकसेवा आयोग को तुरन्त भंग करके इसके सदस्यों और सचिव के कारनामों पर न्यायिक जांच कराने तथा एचसीएस की इस कलंकित परीक्षा को रद्द करके साफ-सुथरी परीक्षा करवाने की माँग की। Post navigation किसान हित में हरियाणा सरकार का डिजिटलाइजेशन सिस्टम सराहनीय : नरेंद्र सिंह तोमर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज करने व उचित मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन