ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने सर्वकल्याण एवं विश्व शांति के लिए किया रुद्राभिषेक। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 10 जुलाई : ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में देशभर में संचालित जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने ट्रस्टियों के साथ सावन के पहले सोमवार के अवसर पर सर्वकल्याण की भावना से तथा विश्व शांति के लिए रुद्राभिषेक किया। इस मौके पर विद्यापीठ के ब्रह्मचारियों एवं विद्वान ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चारण से एक हजार आठ बेलपत्रों के साथ यह रुद्राभिषेक सम्पन्न करवाया। इस मौके पर विद्यापीठ के ट्रस्टी के.के. कौशिक, राजेंद्र सिंघल, सुरेंद्र गुप्ता, खरैती लाल सिंगला, श्री जयराम शिक्षण संस्थान के निदेशक एस.एन. गुप्ता, सेठ नवरंग राय लोहिया जयराम कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डा. सुदेश रावल, डी.एस.बी. इंटरनेशनल स्कूल ऋषिकेश के प्रिंसिपल शिव सहगल इत्यादि भी मौजूद रहे। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी द्वारा सावन पूजन व रुद्राभिषेक के उपरांत विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर आरती की गई। ब्रह्मचारी ने बताया कि सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है और भोलेनाथ को बेलपत्र परमप्रिय है। भगवान शिव के अंशावतार हनुमान जी को भी बेल पत्र अर्पित करने से प्रसन्न किया जा सकता है और लक्ष्मी का वरदान पाया जा सकता है। घर की धन-दौलत में वृद्धि होने लगती है। उन्होंने बताया कि सावन का पूजन अधूरी कामनाओं को पूरा करता है। शिव पुराण अनुसार सावन में शिवालय में बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है। इस अवसर पर जयराम विद्यापीठ में टेक सिंह लौहार माजरा, पवन गर्ग, राजेश सिंगला, आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार, रोहित कौशिक, सतबीर कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे। Post navigation नशा राष्ट्र की प्रगति में बाधक : इंद्रेश कुमार जलभराव व बारिश के हालात को देखते हुए केयू की 14 जुलाई की यूजी/पीजी परीक्षाएं भी स्थगित