कल्पतरु के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी : प्रो. सोमनाथ सचदेवा वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 8 जुलाई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में कल्पतरु के दुर्लभ पौधे का रोपण कर कल्पतरु के संरक्षण का संदेश दिया। इस मौके पर कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि हमारी प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कल्पतरू को कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। पूरे भारत में इस वृक्ष की बहुत कम संख्या है जिसे बढ़ाने के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसे देवलोक का पौधा भी माना जाता है। शनिवार को कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को रांची विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विषय के छात्र निखिल मेहुल जो कल्पतरु मित्र के नाम से जाने जाते हैं और पूरे भारत में कल्पतरु का संरक्षण कर रहे हैं तथा श्रीमद्भगवद गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक अशोक रोशा के साथ कल्पतरु पौधा कुलपति प्रो. सोमनाथ को भेंट कर विश्वविद्यालय में लगाने का आग्रह किया था।इस मौके पर अशोक रोशा ने बताया कि निखिल मेहुल इस दुर्लभ विरासत पेड़ के संरक्षण के लिए पूरे भारत में निशुल्क अभियान चला रहे हैं और इसी कड़ी में यह रांची से 1500 किमी की यात्रा कर कुरुक्षेत्र में तीन पौधे लगाने आए हैं। इन तीन पौधों में से एक पौधा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, दूसरा गुलजारी लाल नंदा अध्ययन केन्द्र व तीसरा पौधा श्रीमद्भगवद् गीता स्कूल में लगाया जाएगा। इस मौके पर कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ, अशोक रोशा, सुशील चौधरी, निखिल मेहुल, लोक सम्पर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. सोमवीर जाखड़ व अन्य लोग मौजूद रहे। Post navigation सावन में है महामृत्युंजय जाप का विशेष महत्व, अकाल मृत्यु से बचाता है महामृत्युंजय मंत्र का जाप : ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी नशा राष्ट्र की प्रगति में बाधक : इंद्रेश कुमार