रामायण और महाभारत को काल्पनिक बता कर पूर्व सांसद ने देश की जनता की भावना व आस्था से किया खिलवाड़:सुरेश गोयल धूप वाला

हिसार,7 जुलाई। पूर्व सांसद व लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के सुप्रीमो राज कुमार सैनी का यह व्यक्तव्य बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है, जिसमे उन्होंने कहा है कि रामायण और महाभारत का कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नही है यानी वे काल्पनिक है। इस तरह के विवादित ब्यान देकर अखबारों की सुर्खियां बटोरना उनका आए दिन का कर्म हो गया है।उनके इस बयान की जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है । यह बात आज भाजपा के सुरेश गोयल धूप वाला ने प्रेस को जारी अपने एक व्यक्तव्य में कही।

अपने बयान में उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद अखबारों की सुर्खियों में रहने के लिए आए दिन विवादित बयान देते रहते है। उनका यह कहना कि वे अंधविश्वास के खिलाप कफन बांध कर चलते हैं। समाज मे व्याप्त अंध विश्वास और बुराइयों के खिलाप आवाज बुलंद करना अच्छी बात है ,और आपको ऐसा करना भी चाहिए , परंतु यदि आप भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और आस्था पर चोट पहुंचाने का जरा भी प्रयास करेंगे तो यह राष्ट्र को स्वीकार्य नही होगा।

रही बात रामायण और महाभारत के साक्ष्यो की तो आप भारत के प्राचीन इतिहास व ग्रंथो पुराणों को कैसे झुठला सकते है। आज के वैज्ञानिक शोधों से भी औऱ अंतरिक्ष विज्ञान के आधार पर की गई काल गणना के अनुसार भी रामायण और महाभारत का काल पूरी तरह प्रामाणिक रूप से निकाला जा चुका है। इसके साक्ष्य तो देश और देश से बहार भी कोने कोने में उपलब्ध है।

पूर्व सांसद महोदय आपको अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए जातिवादी विषबेल भी रोपित नही करनी चाहिए। आज भारतीय समाज जातिवादी बंधनो से शीघ्र ही मुक्ति लेकर एक सांस्कृतिक राष्ट्र का हिस्सा बनने का इच्छुक है । ऐसा अब संभव नही लगता कि आपके इस तरह के घृणित बयानबाजी से कोई राजनैतिक लाभ आपको पहुंच पायेगा।

पूर्व सांसद को चाहिए कि वे अपना इलाज किसी अच्छे मनोचिकित्सक से अवश्य कराएं।

error: Content is protected !!