छत्तीसगढ़ सरकार सीमेंट फैक्ट्रियों के साथ मिलकर थर्मल पावर प्लांट की राख का कर रही अरबों रुपये का घोटाला : अरविंद किलोई

हिसार, 29 जून  : हिसार के सैक्टर 9-11 निवासी एवं मूल रूप से किलोई निवासी अरविंद किलोई ग्रिफिन सर्विसेज एंड ग्रिफिन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर एवं सीईओ एवं पूर्व प्रदेश महासचिव हरियाणा युवा कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ सरकार पर सीमेंट कंपनियों के साथ मिलकर अरबों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ सरकार पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि इस घोटाले में छत्तीसगढ़ सरकार सीधे तौर पर शामिल है। अरविंद किलोई ने बताया कि हिन्दुस्तान की 40 से 60 प्रतिशत सीमेंट छत्तीसगढ़ प्रदेश में बनती है और 50 कि.ग्रा. के सीमेंट के बैग को बनाने का खर्च 70-80 रुपये आता है। सीमेंट प्लांट प्रतिदिन 30 से 40 हजार बैग सरकारी कागजों में बनाती है परंतु वास्तव में डेढ़ लाख बैग प्रतिदिन सीमेंट कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे हैं जो कि निर्धारित सीमा से 5 गुना ज्यादा है। राखड़ सीमेंट का रॉ मैटेरियल होता है जो कि छत्तीसगढ़ के थर्मल पावर प्लांटों से प्राप्त होता है। तय मात्रा के अनुसार एक बैग में 20 से 30 प्रतिशत ही राखड़ डलता है परंतु कंपनियों द्वारा इसमें 60 से 70 प्रतिशत तक यह राखड़ डाला जाता है जिस कारण सीमेंट की गुणवत्ता में भारी कमी आती है और आए दिन पुल व अन्य निर्माण ढह जाते हैं।

अरविंद किलोई ने बताया कि उनकी ग्रिफिन सर्विसेज एंड ग्रिफिन इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम और उनके राजनीतिक सलाहकार एवं उनके साले विनोद वर्मा को सीमेंट कंपनियों द्वारा थर्मल पावर प्लांट्स की राख की चल रही धांधली को बंद करने के लिए उनके सामने एक प्रस्ताव रखा। उन्होंने विनोद वर्मा के समक्ष थर्मल प्लांट की राख को राज्य सरकार को 10 रुपये प्रति टन के हिसाब से खरीदकर पूरे देश में वितरित करने का प्रस्ताव रखा जबकि हाल फिलहाल राज्य सरकार के अधिकारी राख को पावर प्लांट्स से हटवाने का फर्जी टेंडर करके करोड़ों रुपये हजम कर जाते हैं और सीमेंट फैक्ट्रियां वहां से फ्री में ही राख ले जाती हैं। जबकि तमिलनाडू सरकार ने फलाई एस (राखड़) से 350 करोड़ रुपये सालाना का राजस्व प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा राज्य सरकार को दिए गए प्रस्ताव से सीमेंट फैक्ट्रियों की धांधली बंद होगी और राज्य सरकार को बड़ा रेवेन्यू भी मिलेगा जिस पर सरकार ने यह प्रस्ताव स्वीकार करते हुए प्रदेश के 8 पावर प्लांट्स से हमारी कंपनी का एग्रीमेंट करवा दिया।

अरविंद किलोई ने आरोप लगाया कि एग्रीमेंट के तहत काम शुरू होने से चार दिन पहले ही बिना कोई नोटिस दिए ही राज्य सरकार ने हमारे एग्रीमेंट कैंसिल कर दिया (जबकि किए गए एग्रीमेंट में एग्रीमेंट को रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं था) और 50 रुपये टन के हिसाब से अंडर टेबल फैक्ट्रियों से बांध लिया एवं सीमेंट कंपनियों एवं सरकार के बीच एकमुश्त अरबों रुपये की डील हो गई। अरविंद किलोई ने आरोप लगाया कि इस सारे मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं उनका साला व राजनीतिक सलाहकार (जिसकी सभी कॉल व व्हाट्सअप चैट डिटेल मेरे पास है), एवं तत्तकालीन प्रिंसिपल सैके्रटरी पावर डिपार्टमेंट गौरव द्विवेदी एवं सीमेंट इंडस्ट्रीज इस भ्रष्टचार में सीधे तौर पर लिप्त हैं।

अरविंद किलोई ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल (पी.जी. पोर्टल) पर गत 16 मार्च 2023 को की है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण उस पर धीमी गति से कार्यवाही चल रही थी। आरटीआई फाइल करने के बाद इस शिकायत को डीओपीटी ने सीवीसी थर्ड एंड सेकेंड को व चीफ सैके्रटरी छत्तीसगढ़ व पी.एस. पावर डिपार्टमेंट सीएम को आगे भेजा है।

अरविंद किलोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नारेंद्र मोदी भारत को भ्रष्टाचार मुक्त देश देखना चाहते हैं और भ्रष्टाचार पर बड़े पैमाने पर लगाम भी लगाई है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचार के इतने बड़े मामले की निष्पक्ष जांच करवाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि इतने बड़े घोटाले को उजागर करने पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया जा सकता है और उनके जीवन को भी खतरा है। उन्होंने केंद्र सरकार व सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि राजनीति से ऊपर उठकर देश में चल रहे बड़े स्तर के इस घोटाले व भ्रष्टाचार को उजागर करने में अपना योगदान दें।

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