जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए स्मार्ट कृषि व नवीनतम तकनीकें अपनाएं : प्रो. बी.आर. काम्बोज
28 जून, हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय ‘विशेषज्ञ वार्ता एवं एक्सपोजर भ्रमण’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों ने दोनों दिन जी-20 में पहली बार भारत की अध्यक्षता को लेकर आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि 1 मार्च से 31 अगस्त 2023 के अंतराल में जी-20 में भारत की अध्यक्षता से संबंधित वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों को जानकारी दी गई है। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय की ओर से 26 व 27 जून को आयोजित हुई दो दिवसीय ‘विशेषज्ञ वार्ता एवं एक्सपोजर भ्रमण’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने के लिए स्मार्ट कृषि का उपयोग व सस्य विज्ञान की नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करके फसलों का उत्पादन बढ़ाना था। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में वैज्ञानिकों व शोधार्थियों द्वारा स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने के लिए समन्वित कृषि प्रणाली की आवश्यकता, संसाधन सरंक्षण तकनीकें जैसे धान की सीधी बिजाई एवं शून्य जुताई की तकनीकों का इस्तेमाल, बारानी खेती में फसल उत्पादन बढ़ाने में नवीनतम सस्य तकनीकों के सरल उपयोग संबंधित विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि एक्सपोजर दौरे के दौरान विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को शून्य जुताई, धान की सीधी बिजाई, समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल एवं अन्य अनुसंधान प्रयोगों के बारे में भी बताया गया।
सस्य विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ठकराल ने बताया कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन जैसी स्थितियां उत्पन्न हुई है, जिससे खेती पर जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम बढ़ रहे हैं। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न नवीनतम एवं उन्नत सस्य क्रियाएं मदद कर सकती है। उन्होंने बताया कि इन्हीं समस्याओं के निवारण के लिए पर्यावरण अनुकूल हरित प्रौद्योगिकी के माध्यम से संभव हो सकता है, जिससे कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद भी मिलेगी।
इस अवसर पर डॉ. सतीश कुमार, डॉ. सुरेंद्र शर्मा, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. वीरेंद्र हुड्डा, डॉ. नीलम, डॉ. आर.एस. दादरवाल, डॉ. उमा, डॉ. सुशील सिंह, डॉ. कौटिल्य चौधरी, डॉ. नितिन भारद्वाज, डॉ. टोडर मल, डॉ. कविता, डॉ. निधि काम्बोज, डॉ. पारस काम्बोज व डॉ. एकता काम्बोज उपस्थित हुई।