हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के कई सांसदों ने बदला अपना मन, इन पदों पर कर रहे हैं दावा
ओपी धनखड़ ने संभाला बूथ मैनेजमेंट का जिम्मा

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा अब पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के मोड़ में चला गया है। सत्तासीन भाजपा का फोकस 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव से ज्यादा लोकसभा पर है। ‘मिशन 2024’ की तैयारियों में जुटे हरियाणा भाजपा के प्रभारी बिप्लब कुमार देब सांसदों से मिलने के बाद अब विधायकों, पार्टी जिलाध्यक्षों व प्रमुख कार्यकर्ताओं का फीडबैक हासिल करेंगे। इस फीडबैक के आधार पर कई मौजूदा सांसदों और पार्टी विधायकों के टिकट काटकर जीतने वाले नए चेहरों को चुनाव लड़ने का मौका दिया जा सकता है। इसके लिए बिप्लब देब एक जुलाई से राज्य के सभी 22 जिलों के दौरे पर निकलेंगे।

वही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने अभी से सांसद की टिकटों पर मंथन पर शुरू कर दिया है। इस मंथन में 12 सांसद ऐसे है जो लोकसभा के बजाय विधानसभा के रण में जोर आजमाइश करना चाहते है वहीं 3 मौजूदा सांसद ऐसे भी हैं जो अपने बच्चो के लिए टिकेट के इछुक हैं।

सांसदों का ‘रिपोर्ट कार्ड’ हो रहा तैयार

हरियाणा में मिशन-2024 के तहत भाजपा ने एक बार फिर सभी 10 सीटों पैट चुनाव लड़ कर जीत का लक्ष्य रखा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व के अलावा संघ द्वारा भी सभी सीटों पर सर्वे करवाया जा रहा है। प्रोफेशनल एजेंसी से भी फीडबैक लिए जाने की सूचना है। पार्टी के राष्ट्रीय संगठक वी सतीश भी हाल ही में हरियाणा दौरे के दौरान फीडबैक लेकर जा चुके हैं। फीडबैक के आधार पर उन्होने सांसदों का ‘रिपोर्ट कार्ड’ तैयार किया है।

राजनीति में इन नेताओं का भी होगा भविष्य तय

अंबाला लोकसभा सीट रतनलाल कटारिया की मौत के बाद खाली चल रही है। अब यहां से उनकी पत्नी बंतो कटारिया राजनीति में काफी एक्टिव हो चुकी हैं। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी उन्हें ही टिकट देने का इच्छुक है पर अंतिम मुहर तमाम समीकरणों को समझने के बाद ही लगेगी , वहीं सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल की पैंठ केंद्रीय नेतृत्व में अच्छी है पर इसका फल उन्हें मिलेगा या नही यह तय नही है ।

बच्चों को एडजस्ट करना चाह रहे सांसद

गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और फरीदाबाद के सांसद और केंद्र में मंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपने बच्चों को एडजस्ट करवाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, हालांकि इन दोनों नेताओं को लेकर दिल्ली दरबार में यह चर्चा आम है कि उन्हें फिर से लोकसभा का ही चुनाव लड़वाया जा सकता है। सोनीपत के सांसद रमेश चंद्र कौशिक अपने बेटे को राजनीति में एक्टिव करना चाहते हैं। वे अपने बेटे को न्यायिक सेवाओं से इस्तीफा दिलवा चुके हैं।

विधायकी के इच्छुक हैं सांसद

कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी भी विधानसभा चुनाव लड़ने के इछुक है वह अब फिर नारायणगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है। भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह लंबे समय से विधानसभा आने की कोशिश में हैं। पिछले चुनाव में भी उन्होंने लोकसभा के बजाय विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। करनाल के सांसद संजय भाटिया रिकाॅर्ड मतों से 2019 का चुनाव जीते थे। उनका भी मन है कि वे पानीपत सिटी से विधानसभा चुनाव लड़ें।

भाजपा के ये नेता कर रहे राहुल गांधी की तारीफ

रोहतक के सांसद डॉ. अरविंद शर्मा के तेवर बदले हुए हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव जीते थे उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में।जगह मिलेगी पर ऐसा नही हुआ। हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह को लेकर भी संशय बरकरार है। सरकार की नीतियों पर खुलकर बोलते हैं। उनके पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह भाजपा के कई फैसलों पर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठा चुके हैं। वह राहुल गांधी की भी तारीफ कर चुके हैं। अब भाजपा इन नेताओं के लिए क्या भविष्य तय करती है यह आने वाला वक्त बताएगा।

90 विधानसभा के दौरे पर निकलेंगे विपल्व देव और मनोहर लाल

उधर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों के दौरे पर निकलने की तैयारी है। देब और लाल का यह अभियान एक जुलाई से आरंभ होने वाला है। केंद्र सरकार के नौ साल पूरे होने पर भाजपा का महाजनसंपर्क अभियान 30 जून को पूरा होगा। इसके बाद पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड में दिखाई देगी। प्रदेश में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी इन दोनों चुनाव के लिए अपने स्तर पर कोई कमी नहीं छोड़ना चाह रही है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मिलकर लौटे मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर 90 विधानसभा क्षेत्रों के दौरे के दौरान विपक्ष के हमलों का जवाब देने के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को अवगत कराने का जिम्मा है।

ओपी धनखड़ ने संभाला बूथ मैनेजमेंट का जिम्मा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ जहां संगठन के कामों को गति देने में जुटे हैं, वहीं एक माह के बेहद कम अंतराल में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर सफल रैलियां करवाकर उन्हें अब बूथ मैनेजमेंट का जिम्मा संभाल लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जिला स्तरीय जनंसवाद कार्यक्रम जुलाई माह में आरंभ होंगे। राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों व विधायकों को भी जनसंवाद आरंभ करने को कहा गया है।

गठबंधन व मंत्रिमंडल में फेरबदल पर अहम होगी राय

भाजपा प्रभारी बिप्लब देब सोमवार को पूरे दिन राज्य के 10 में से आठ सांसदों से मुलाकात कर चुके हैं। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी बीमार थे, जबकि अंबाला के सांसद रतनलाल कटारिया का निधन हो चुका है। सांसदों के साथ गठबंधन के भविष्य, चुनाव में संभावित नए चेहरे, रैलियों में जुटी भीड़, जातीय समीकरण और मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावनाओं पर खुलकर चर्चा की गई है। बिप्लब देब अपने जिला स्तरीय दौरों के दौरान विधायकों से भी इसी तरह का फीडबैक लेंगे। एक विधानसभा क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों व प्रमुख लोगों को मुलाकात के लिए देब दो से तीन घंटे का समय देंगे। एक दिन में एक जिला कवर होगा और जुलाई माह में सारे जिले कवर कर लिए जाएंगे।

हरियाणा भाजपा की रिपोर्ट पर फैसला लेंगे मोदी और शाह

भाजपा प्रभारी की विधानसभा क्षेत्रों में अपने जनसंपर्क अभियान के तहत प्रमुख, गैर विवादित तथा संभ्रांत लोगों से भी मुलाकात करने की योजना है। पूरा होमवर्क करने के बाद एक रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी जाएगी, जिसमें लोकसभा व विधानसभा चुनाव की रणनीति, मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल और भाजपा व जजपा गठबंधन के भविष्य को लेकर पूरी पार्टी की राय संकलित होगी। अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। तब तक पार्टी अपने पूरे फोरम में काम करेगी।

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